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* आचारांग सूत्र *
( गुजराती छायानुवाद का हिन्दी अनुवाद )
'नेव संयं लोगं अभाइक्खज्जा'। मनुष्य मरे जीवो के प्रति असावधान न रहे। मूत्र १-२
- मूल गुजराती संपादक - गोपालदास जीवाभाई पटेल
वीर सवन् २४६४ ]
[ इम्वी सन १८
मूल्य ६ आना प्रधाममममममा