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गाया १३ (१०) उभयवचनयोगी, (११) अनुभयवचनयोगी, (१२) सत्यमनोयोगी, (१३) असत्यमनोयोगी, (१४) उभयमनोयोगी, (१५) अनुभयमनोयोगी और (१६) योगरहित ।
प्रश्न ४८- वेदमार्गणा किसे कहते है ? .
उत्तर-मैथुनके सस्कार व अभिलाषाको वेद कहते है । विदको अपेक्षा जीवोको खोजना वेदमार्गणा है । वेदमार्गणासे जीव चार -प्रकारके पाये - जाते है- (१) पुवेदी, (२) स्त्रीवेदी, (३) नपुंसकवेदी, (४) अपगतवेदी)
प्रश्न ४६-कपायमार्गणा किसे कहते है ?
उत्तर- कपायकी अपेक्षा जीवोकी खोज करना कषायमार्गरणा है। कषायमार्गणासे) जीव २६ प्रकारसे उपलब्ध होते है- (१) अनन्तानुबन्धी क्रोधी, (२) अन० मानी, (३) अन० मायावी, (४) अन० लोभी, (५) अप्रत्याख्यानावरण क्रोधी, (६) अप्र० मानी, (७) अप्र० मायावी, (८) अप्र० लोभी, (९) प्रत्याख्यानावरण क्रोधी, (१०) प्रत्याख्यानावरण मानी, (११) प्रत्याख्यानावरण मायावी, (१२) प्रत्याख्यानावरण लोभी, (१३) संज्वलन क्रोधी, (१४) सं० मानी, (१५) स० मायावी, (१६) सं० लोभी, (१७) हस्यवान्, (१८) रतिमान, (१६) अरतिमान्, (२०) शोकवान्, (२१) भयवान्, (२२) जुगुप्सावान्, (२३) पुवेदी, (२४) स्त्रीवेदी, (२५) नपु सकवेदी, (२६) कषायरहित ।
प्रश्न ५०- ज्ञानमार्गरणा किसे कहते है ?
उत्तर--ज्ञानकी अपेक्षा जीवोका परिचय पाना ज्ञानमार्गणा है । ज्ञानमार्गणासे जीव ८ प्रकारसे उपलब्ध होते है- (१) कुमतिज्ञानो, (२) कुश्रुतज्ञानी, (३) कुअवधिज्ञानी, (४) मतिज्ञानी, (३) शुतज्ञानी, (६) अवधिज्ञानी, (७) मनःपर्ययज्ञानी, (८) केवलज्ञानी।
प्रश्न ५१-सयममार्गणा किसे कहते है ?
उत्तर- सयमको अपेक्षासे जीवोका ज्ञान करना संयममार्गणा है । इस मार्गणासे जीव ८ प्रकारसे ज्ञात होते है-(१) असयम, (२) सयमासयम, (३) सामायिकसंयम, (४) छेदोपस्थनासयम, (५) परिहारविशुद्धिसयम, (६) सूक्ष्मसाम्परायसंयम, (७) यथाख्यातसयम, (E). असयम-सयमा-संयम सयम इन तीनोसे रहित ।
प्रश्न ५२- दर्शनमार्गणा किसे कहते है ?
उत्तर-दर्शनकी अपेक्षासे जीवोका परिचय पाना दर्शनमार्गणा है। दर्शनमार्गणासे जीव ४ प्रकारके उपलब्ध होते है- (१) चक्षुर्दर्शनी, (२) अचक्षुर्दर्शनी, (३) अवधिदर्शनी, (४) केवलदर्शनी।
प्रश्न ५३- लेश्यामार्गणा किसे कहते हैं ? उत्तर-कषायोसे अनुरञ्जित योगप्रवृत्तिको लेश्या कहते हैं। लेश्याको अपेक्षा