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________________ ६२ द्रव्यसंग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका उत्तर- गृहीतनोकर्मवर्गणाओके स्कन्धमेसे कुछ वर्गणामोको योग्य स्थान पर द्रव्येन्द्रियोके आकार परिणमावनेकी शक्तिकी पूर्णताको इन्द्रियपर्याप्ति कहते है ? प्रश्न १२- श्वासोच्छवासपर्याप्ति किसे कहते है ? उत्तर- उन नोकर्मवर्गणावोके कुछ स्कन्धोको श्वासोच्छवासरूप परिणमावनेकी शक्ति की पूर्णताको श्वासोच्छवासपर्याप्ति कहते है। प्रश्न १३-भाषापर्याप्ति किसे कहते है ? उत्तर-वचनरूप होने योग्य भाषावर्गणाप्रोको वचनरूप परिणमावनेकी शक्तिकी पूर्णताको भाषापर्याप्ति कहते है। प्रश्न १४-मन पर्याप्ति किसे कहते है ? उत्तर-द्रव्यमनरूप होने योग्य मनोवर्गणावोको द्रव्यमनके आकार रूप परिणमावने की शक्तिकी पूर्णताको मन पर्याप्ति कहते है। प्रश्न १५-सज्ञी जीवोके कितनी पर्याप्तिया होती है ? उत्तर- सज्ञी जीवोके छहो पर्याप्तियां होती है । प्रश्न १६- असज्ञी पचेन्द्रिय जीवके कितनी पर्याप्तियां होती है ? उत्तर-असज्ञी पचेन्द्रिय जीवके मनःपर्याप्तिको छोडकर शेषको पाँच पर्याप्तिया होती है। प्रश्न १७-चतुरिन्द्रिय जीवके कितनी पर्याप्तिया होती है ? उत्तर-चतुरिन्द्रिय जीवके आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वासोच्छवास व भाषा पर्याप्ति ये ५ पर्याप्तिया होती है। प्रश्न १८-त्रीन्द्रिय जीवके कितनी पर्याप्तिया होती है ? उत्तर-त्रोन्द्रिय जीवके भी मन पर्याप्तिको छोडकर बाकी पाँचो पर्याप्तियाँ होती है। प्रश्न १६-द्वीन्द्रिय जीवके कितनी पर्याप्तिया होती है? उत्तर-द्वीन्द्रिय जीवके भी मनःपर्याप्तिके बिना शेप पाँचो पर्याप्तियां होती है। प्रश्न २०-एकेन्द्रिय जीवोके कितनी पर्याप्तिया होती है ? उत्तर-वादर और सूक्ष्म दोनो प्रकारके एकेन्द्रियजीवोके आहारपर्याप्ति, शरीरपर्याप्ति, इन्द्रियपर्याप्ति और श्वासोच्छवासपर्याप्ति ये ४ पर्याप्तिया होती है। पश्न २१-चौदह जीवसमासोके पूरे-पूरे नाम क्या है ? उत्तर- चौदह जीव समासोके नाम इस प्रकार हैं- (१) वादर एकेन्द्रिय पर्याप्त, (२) वादर एकेन्द्रिय अपर्याप्त, (३) सूक्ष्म एकेन्द्रिय पर्याप्त, (४) सूक्ष्म एकेन्द्रिय अपर्याप्त, (५) द्वीन्द्रिय पर्याप्त, (६) द्वीन्द्रिय अपर्याप्त, (७) श्रीन्द्रिय पर्याप्त, (८) श्रीन्द्रिय अपर्याप्त,
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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