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________________ गाथा ४१ २३३ प्रश्न ५४- ज्ञानमद किसे कहते है ? उत्तर- पाये हुये ज्ञानपर अभिमान करने, अन्य ज्ञानी पुरुषोंको तुच्छ समझनेको ज्ञानमद कहते है। प्रश्न ५५–प्रतिष्ठामद किसे कहते हैं ? उत्तर- पूजा, स्तुति, लोकाकर्षण आदिसे प्राप्त प्रतिष्ठापर अहङ्कार करतेको प्रतिष्ठामद कहते है । माल Rur12 .stप्रश्न ५६-कुलमद किसे कहते है ? उत्तर- पाये हुये श्रेष्ठ कुलका मद करनेको कुलमद कहते हैं। कुल पिताके गोत्रको कहते है। . प्रश्न ५७- जातिमद किसे कहते है ? उत्तर-पाई हुई श्रेष्ठ जातिका मद करनेको जातिमद कहते है । जाति माताके पिता के कुलको कहते है। प्रश्न ५८-बलमद किसे कहते है ? . उत्तर- पाई हुई शक्तिका अहङ्कार करनेको बलमद कहते है । प्रश्न ५६-- वैभवमद किसे कहते है ? उत्तर-- पाई हुई ऋद्धि या सपत्तिका घमड करनेको वैभवमद कहते है । प्रश्न ६०-- तपोमद किसे कहते है ? उत्तर-- अपनी तपस्याका घमड करनेको तपोमद कहते है । प्रश्न ६१-- रूपमद किसे कहते है ? उत्तर-- पाये हुये शरीरके सुन्दर रूपपर घमड करनेको रूपमद कहते है। प्रश्न ६२-- अनायतन ६ कौन-कौन है ? उत्तर-- अनायतन अर्थात् अधर्मके स्थान ६ ये है--- (१) कुगुरु, (२) कुगुरुसेवक, (३) कुधर्म, (४) कुधर्मसेवक, (५) कुदेव, (६) कुदेवसेवक । प्रश्न ६३- कुगुरु अनायतन किसे कहते है ? उत्तर- मोक्षमार्गके विरुद्ध आचरण करने वाले कुगुरुवोकी सेवा, भक्ति प्रमाण, रुचि आदि आदि करनेको कुगुरु अनायतन कहते है। प्रश्न ६४-- कुगुरुसेवक अनायतन किसे कहते है ? उत्तर-- कुगुरुके सेवक जनोकी सगति करने, धर्मविषयक सम्मति लेने, प्रीति करने, अनुमोदन आदि करनेको कुगुरुसेवक अनायनन कहते है । प्रश्न ६५- कुधर्म अनायतन किसे कहते है ? , .
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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