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________________ १८२ द्रव्यसंग्रह- प्रश्नोत्तरी टीका अनर्थ इस दोषसे उत्पन्न होते है। प्रश्न ६७- उत्पादनदोषका निरुक्त्यर्थ क्या है ? उत्तर- जिनमार्ग विरुद्ध क्रियावों द्वारा भोजन उत्पन्न कराया जाय उन क्रियानोको उत्पादनदोष कहते है। प्रश्न १५-उत्पादनदोप किसके आश्रित होते है ? उत्तर-उत्पादनदोप साधु पात्रके आश्रित होते है, क्योकि ये दोप साधुके शिथिल भाव और क्रियाप्रोसे उत्पन्न होते है। प्रश्न ६E-- अशनदोप किसे कहते है ? उत्तर-भोज्य पदार्थसे सम्बन्ध रखने वाले दोपोंको प्रशनदोप कहते है। प्रश्न १००- अशनदोपके भेद कौन-कौन है? । उत्तर-शङ्कित, पिहित, प्रक्षित, निक्षिप्त, छोटित, अपरिणत, व्यवहरण, दायक, लिप्त और विमिश्र, ये दस दोष अशनसम्बन्धी है। प्रश्न १०१- शङ्कितदोष किसे कहते है ? उत्तर- चार प्रकारके अशनमे कोई ऐसी शका उत्पन्न हो जाय कि वह आहार आगममे लेने योग्य बताया या नहीं अथवा यह आहार शुद्ध भक्ष्य है या नहीं, ऐसे शकासहित भोजनके करनेको शङ्कितदोष कहते है। प्रश्न १०२- पिहितदोप किसे कहते है ? उत्तर- अप्रासुक वस्तु या वजनदार प्रासुक वस्तुसे ढके हुए जिस भोजनको उघाड कर दिया जावे उस भोजनके ग्रहण करनेको पिहितदोष कहते है। प्रश्न १०३-म्रक्षितदोप किसे कहते है ? उत्तर-घी, तेल आदिके द्वारा सचिक्कण हुए हाथ या चम्मच कटोरी आदिसे दिये गये आहारके ग्रहण करनेको प्रक्षितदोष कहते है। प्रश्न १०४-निक्षिप्त नामक अशनदीप किसे कहते है ? उत्तर-जो भोजन वस्तु सचित्तत पृथ्वी, जल, अग्नि, वीजरहित और त्रस जीवपर रखी हो उस पदार्थके ग्रहण करनेको निक्षिप्तदोप कहते है। प्रश्न १०५- छोटित नामक अशनदोष किसे कहते है? उत्तर-कुछ भोज्यसामग्रीको गिराकर कुछके ग्रहण करनेको, अनिष्ट पाहार छोडकर इष्ट आहारके ग्रहण करनेको, जिससे भोज्यसामग्री टपकती रहे, ऐसे हाथसे ग्राहारके ग्रहण करनेको छोटितदोष कहते है। प्रश्न १०६-अपरिणत नामक अशनदोष किसे कहते है ?
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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