________________
[१७] ७. सातवें पर्वमें तीर्थंकर नमिनाथजीका, दो चक्रवर्तियों के (हरिषेण और जयके ) वासुदेव लक्ष्मण, प्रतिवासुदेव रावण तथा बलभद्र रामके कुल छः शलाका पुरुषोंके चरित्र हैं।
८. आठवें पर्वमें तीर्थंकर नेमिनाथजी; वासुदेव श्रीकृष्ण जी; प्रतिवासुदेव जगसंध और बलभद्र बलदाऊजी ऐसे चार शलाका पुरुषोंके चरित्र हैं।
६. नवें पर्वमें तीर्थंकर श्री पाश्वनाथजी और चक्रवर्ती ब्रह्मदत्त के चरित्र हैं। · १०. दसवें पर्वमें तीर्थंकर श्रीमहावीर स्वामीका चरित्र है । शलाका पुरुपोंके चरित्रोंके सिवा इन पर्यों में अवांतर कथायें भी सैकड़ों हैं।
जिन आत्माओंके अधिकार, शक्ति व सम्पत्ति मनुष्य भवमें महान होते हैं और जिनका उसी भवमें या आनेवाले किसी मनुष्य भवमें मोक्ष जाना निश्चित होता है उनको 'शलाका पुरुष' कहते हैं। वर्तमान चौबीसमें ऐसे ६३ शलाका पुरुष हुए हैं। . - इनमें से चौबीसों तीर्थंकर मोक्ष गये हैं। बारह चक्रवर्तियों . मेंसे दस चक्रवर्ती संबमधारण कर मोक्ष गये हैं और सुसुम व ब्रह्मदत्त चक्री नरक गये हैं; वे अगले किसी मनुष्य भवसे मोक्ष जाएंगे; सभी वासुदेव और प्रतिवासुदेव तीन कषायी होनेसे नरक गए हैं। भविष्यमें किसी मामुष्य भवसे मोक्ष
जाएँगे। कुछ बलभद्र वासुदेवोंकी की मृत्यु के बाद छः महीनेके .. पश्चात् मोहबन्धन काट संयमधारण कर मोक्ष गए हैं और कुछ स्वर्ग गए है; आगामी किसी भवसे मोक्ष जाएंगे।