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गुरुदेव श्री रत्न मुनि स्मृति-ग्रन्थ
परिशिष्ट
मूल मागम
अङ्ग
उपांग
१ आचार २ सूत्रकृत ३ स्थान ४ समवाय ५ व्याख्या-प्रज्ञप्ति ६ ज्ञाता-धर्म कथा ७ उपासक दशा ८ अन्तकृद् दशा ९ अनुत्तरोपपातिक दशा १० प्रश्न व्याकरण ११ विपाक १२ दृष्टिवाद (विलुप्त)
१. औपपातिक २ राजप्रश्नीय ३ जीवाभिगम ४ प्रज्ञापना ५ सूर्य-प्रज्ञप्ति ६ चन्द्र-प्रज्ञप्ति ७ जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्ति ८ कल्पिका
कल्पावतसिका १० पुप्पिका ११. पुष्प चूलिका १२. वृष्णिदशा
१ निशीथ २ महानिशीथ
१ दशवकालिक २ उत्तराध्ययन ३ आवश्यक पिण्ड-नियुक्ति
अथवा ओघ-नियुक्ति
४ व्यवहार ५ दशाश्रुत स्कन्ध ६ पञ्चकल्प
धूलिका
प्रकीर्णक
१. नन्दी २. अनुयोग द्वार
१. चतु शरण २. आतुर प्रत्याख्यान ३. महाप्रत्याख्यान ४ भक्त परिक्षा ५. सस्तारक