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12. ✯ (a) 1/1 nfa àsa (3) = 1/1 ** (==) 1/1 xir fa (x) = ŵ arfauenù |(mix)-(43) 1/1 refire 'a') nd (g) 1/1 af gfgcmrad |(afg3)-(m3) 1/1 me qi नित्ततयं (वित्तमंत्रग) 1/1 दिन) नः ॥ मिलाति (मिला) व 3/1 एक आहार (प ||| (प्रणितिय ) 1 / 1 वि अनामयं ( ) 1/1 निघोन + (प्रोट) ] ( ( प ) - (चोदन) 1 1 ] - रिणामपम्यं [ ( विग्ग्राम) - ( गम् ) 1/1 व्या में| 12. से वह बेमिकता
अनियं गय)
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एवं कापि भी जानि धम्मयं = उत्पत्ति स्वभाव याना गाती । युविगम्यं - बोरी स्वभाव वाला/पाली | चित्तमंतयं -नेतना वाला/पाली --
हुई। मिलाति = उदय होता है/होती है। आहार करने वाला) वानी । अणितियं नाशवान् । असास हमेशा नगर्ने याना /धानी चयोवचयं (चव - प्रोवनह) - बहने वाला/वाली पीरी। विपरिणामपम्यं परिवर्तनशील स्वभाव वाला / बानी ।
13. सूत्र 5, 8 एवं 10 का व्याकरणिक विश्लेषण देगे । तमाग [ ( तस्काय) - ( मत्य) 2 / 1 )
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13. सूत्र 8, 9 व 10 के शब्दार्थ देगें । तमकायसत्यं = सकाय-जीव समूह । 14. से' (थ) = वाक्य की शोभा । चेमि (वृ) व 1/1 तक अप्पे | (सत्य) 4- (एंगे)] [(श्रण) - (एव) 1/2 नवि । प्रच्चाए (प्रच्चा) 4 / 1 यति (वध) व 3 / 2 सक अजिलाए (अजिना) 4 / 1 मंमाए (मंग) 4/1 यति ( वह) व 3 / 2 समः सोणिताए (सोणित) 4/1 हियाए (हिप) 4/1 वहति ( वह) व 3 / 2 सक प्रार्थ प्रयोग एवं (स) प्रकार पिताए (पित्त) 4 / 1 बसाए ( बसा 4 / 1 पिच्छाए (दिच्छ) 4/1 पुच्छाए (पुच्छ) 1. 'से' शब्द का यहां कोई श्रयं नही है तथा यह वाक्य मजाने के नाम श्राया है। (पिदाल : प्राकृत भाषाओं का व्याकरण, पृष्ठ, (24)
। चयनिका
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