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________________ देश पिता श्री १०८ आचार्यकल्प चन्द्रसागर जी महाराज की जीवन-झाँकी जन्म सम्वत् जन्मवार जन्म दिवस विक्रम सम्वत् १९४० शनिवार माघ कृष्णा त्रयोदशी जन्म गांव माता जाती नांद गाव महाराष्ट्र नत्यमल सीतादेवी खंडेलवाल आपका विवाह संस्कार मार्गशिर शुक्ला नवमी संवत् १९६० में हुआ और विक्रम संवत् १९६२ मे पत्नी का वियोग हुआ। विक्रम सम्वत् १९६२ ज्येष्ठ शुक्ला नवमी के दिन आपने स्वन वीतराग प्रभु के समक्ष आजन्म ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। वीर मवत् २४४८ आपाढ शुक्ला दशमी के दिन ऐलक पन्नालाल जी से दूसरी तीसरी प्रतिमा ग्रहण की । वीर सवत् २४४८ भाद्रपद शुक्ला पचमी के दिन सचित्त त्याग प्रतिमा ग्रहण की। कुर्दू वाडी में आचार्य शान्ति मागर जी महाराज के चरण सान्निध्य में दशवी प्रतिमा ग्रहण की । वीर सवत् २४५० में कुभोज के निकट बावली धोत्र पर फाल्गुन शुक्ला सप्तमी के दिन आचार्य शान्तिसागर महाराज के समीप क्ष ल्लक व्रत ग्रहण किये। वीर संवत २४५० आश्विन शुक्ला एकादशी के दिन आचार्य श्री से ऐलक व्रत ग्रहण किये। वीर संवत् २४५६ मार्गशीर्ष शुक्ला पूर्णिमा सोमवार मृग नक्षत्र मकर लग्न में दिन के दस बजे आचार्य श्री शान्ति सागर महाराज के चरण सान्निध्य में दिगम्बर दीक्षा ग्रहण की। वीर सवत २४७१-सन् १९४५-२६ फरवरी विक्रम सक्त् २००१ फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा चन्द्रवार १२ बज कर २० मिनट पर चतुर्विध सघ के समक्ष णमोकार मन्त्र का जाप करते हुए वडवानी सिद्ध क्षेत्र पर स्वर्गवास हुआ। चन्द्र कुण्डली लग्न कुण्डली शु० ११/२.१०७. च | रा० र० १०० गु०४ मं० के. श. जन्म-राशि पूर्वाषाढ ४६ घड़ी ५ पल पौष कृष्णा १३ वि० सम्वत् १९४० शक स० १८०५ रात्री [४]
SR No.010765
Book TitleChandrasagar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuparshvamati Mataji, Jinendra Prakash Jain
PublisherMishrimal Bakliwal
Publication Year
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size13 MB
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