SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्राक्कथन प्रस्तुत "श्री चन्द्रसागर स्मति ग्रन्थ" मात्र स्मृति ग्रन्थ ही नहीं प्रत्युत साधु तथा त्यागी वर्ग के लिये विशेष रूप से उपयोगी ग्रन्थ है, जिसका प्रकाशन कराके सेठ मिश्रीलाल जी वाकलीवाल गौहाटी ने भव्य जीवों के कल्याण का एक अवलम्बन जुटा दिया है और अपनी चचला लक्ष्मी का सद्उपयोग करके एक अनुकरणीय कार्य किया है। ___इस ग्रन्थ मे तीन खण्ड है । प्रथम खण्ड मे आचार्य कल्प श्री १०८ चन्द्रसागर जी महाराज के प्रति समर्पित श्रद्धा सुमन संकलित किये गये है । द्वितीय खण्ड मे कुछ सैद्धान्तिक लेख प्रस्तुत किये गये है और तीसरे खण्ड में वह नित्य पाठ संग्रह' प्रकाशित किया है जो कि स्वर्गीय श्री १०८ आचार्य कल्प चन्द्रसागर जी महाराज ने अपने स्वय के पढ़ने के लिये सकलित करके अपनी सुन्दर लिखावट में लिपिबद्ध किया था। यह 'नित्य पाठ संग्रह' गुटका व्र० श्री शिवकरण जी लाडनू निवासी को पूज्य आचार्य श्री १०८ महावीर कीर्ति जी महाराज के संघ से प्राप्त हुआ था। तभी से मान्य ब्रह्मचारी जी के यह भाव थे कि यह ग्रन्थ छपकर साधु संघ एवं धर्म प्रेमियो के हाथो में पहुंचे। उन्होने बड़ी श्रद्धा और भक्ति से वह नित्य पाठ सग्रह' पूज्य आर्यिका श्री १०५ इन्दुमती माता जी की परम शिष्या विदुषी रत्न आयिका श्री १.५ सुपार्श्वमती माता जी को संशोधनार्थ भेट किया । पूज्य माता जी ने बड़ी लगन और शोधपूर्ण दृष्टि से ग्रन्थ का अवलोकन किया और जहां कही अशुद्धि समझी वहा संशोधन किया। शुभ कर्मोदय से गत वर्ष हम पूज्य आर्यिका संघ के दर्शनार्थ गौहाटी पहुंचे। वहां मान्य ब्र० श्री शिवकरण जी भी पूज्य माता जी के दर्शनार्थ पधारे हुये थे। तभी इस ग्रन्थ की १००० प्रतियों के प्रकाशन की रूप रेखा बनी जिसमे से ५०० प्रतियों का प्रकाशन गौहाटी निवासी स्वनाम धन्य सेठ मिश्रीलाल जी वाकलीवाल ने अपनी ओर से कराने का विचार प्रगट किया जिससे सभी को प्रसन्नता हुई । परिणाम स्वरूप ग्रन्य को यह प्रति आपके कर कमलों मे शोभित हो रही है।
SR No.010765
Book TitleChandrasagar Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuparshvamati Mataji, Jinendra Prakash Jain
PublisherMishrimal Bakliwal
Publication Year
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy