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________________ आमां कशव वैद्यनुं नाम प्राप्यु . बेत्रण प्रतोमा तपास करतां तेनुं तेज नाम निकलवाथी अमे आ पुस्तकमां केशव वैद्य नाम आप्युं . परंतु तत्त्वकेवली गम्य . श्रा पुस्तक बहु रसीक होवायी अमारा श्रावक बंधुनए तेनुं गुजराती नाषांतर करी उपाववानी अमने नलामण करवाथी अमे तेनुं अमारी विद्याशालाना शास्त्री हरिशंकर कालीदास पासे सरल गुजराती भाषामा नाषातर करावी उपाव्युं , तेथी अमो जैनबंधुनने विनंती करीए जीये के, आप. गने नत्तम धर्ममार्ग देखामवारूप आपणा नपर नपकार करनारा पूर्वाचार्योए बहु प्रयासथी रचेला संस्कृत पुस्तकोनां सरल गुजराती भाषांतरने वांचवानो लान लश् ते महात्माए करेला नपकारने जुली जq नही. या पुस्तक उपाती वखते बहु कालजी राखवामां आवी ने तो पण इ. ष्टिदोषयी अथवा कानो, मात्रा, मी नमी जवाथी श्रयेली नूल्यो- शुद्धिपत्र पाउल दाखल करयुं ने उतां जो कोई बीजी नूल रही गइ होय तो तेने वांचनारा सऊन पुरुषोए कृपा करी सुधारी लेवू, एज. ल. विद्याशाला, MER Sts Rel
SR No.010762
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages489
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Story, Mythology, & Literature
File Size32 MB
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