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________________ The Iudex of OG. Stanzas [बृहद्वाचना] 163 135 अभिनव परि सिणगारीय 23 | सीहं मुखि मुनि मन चालए 119 अलविहिं लोचन मींचई 137 थंभण थिय न पयोहर 47 167 33 दमणइ ए गुण मदि मातउ अलिजन वसई अनंत आंवुलइ मांजर लागीय 65 देसु कपूर ची वासि रे ..97 इण परि निज प्रियु रंजवई 169 धन धन वायस तूं सर . इणि परि कोइलि जइ . 51 नमणि करई न पयोहर इम देखी रिधि कामनी 43 नया निरोपीय ती वणु इम देखीय वनसंपद 73 नव यौषन अभिराम ति उर परि हार ते भारु 79 नामि गंभीर सरोवर । एक थुडि बउल नइ वेउल 159 नाहु नि छछी म गामटि पकि दिई सहि लालीय 138 नितु नितु चरीअ नइ कहि सखि मुझ प्रीय वातडी 89 निरुपमपणा विधिइ तां घडी । कानि कि झलका वीजनउ. 109 पथिक भयंकर केतु कि कामिनी नाहुला जी सुख 103 पदमिनी परिमल बहिकई कामुक जन मन दीपन पहिलडं सरसति अरचिसु कुच वेउ अमीकलसा पहुतीय सिवरति समरती कुसुभ तणूं करि धणुह रे पाडल छइ अति कुंअलि 142 केसूय गरवु म तूं धरि . 152 बउलसिरी मदमिभल केस्य कली अति वांकुडी 37 बउलि पिलुधला महुअर 59 कोइलि आंवुला डालिहिं बहिनूए गयइ हिमवंति कंटकसंकटि एवड 144 वहिनूए रहइ न मनमथ खूप भरी सिरि केतकि ...105 | वांधइ कामु कि करकसु .63 खेलन वावि सुखालीय . वाहुलता अतिकोमल 127 गरूउ मदन महीपति 37/ भमर पलास करांबला . 165 घुमई मधुप सकेसर 57 भमर भणंतउ गुणागर . 153 चालइ नेह पराणउ - . 148 भमरला छांडिन पाखल -85 बांपुला तरूयर नो कली भमहि कि मनमथ धणुहीय चंदन वन अवगाहीय. 25 मकरंदि मातीय पदमिनि 161 जिम जिम विहसइ विणसइ53 मणिमय कुंडल कानि रे जे किमइ गजगति चालइ . 55 मयणु जी वयण निरोपए 41 तिलकुसुमोपम नाकु रे . 125 माइ मू दुख अनीठउं तिहां विलसइ सवि कामुक 21 ! मानिनीजनमनक्षोभन . .. 11. 39 146 -45 ४7 17 121 113
SR No.010758
Book TitleVasant Vilas Fagu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Chimanlal Modi
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages145
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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