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अथ गुण हींगळाज रासो
मुर भुयरणा उपरि महमाया, माता जगत तरणी महामाया । मुनी भगति दियो महमाया, ग्राई नाथ तें धरम उपाया । तु सां ब्रह्म विसनही तरिया, ते उर ऊपरि माणस घरिया । तै पावई बड़ा विदि पाया, ते जगदीस जिसा नर जाया । इमिया खिमिया मांस ग्रहारिणि, चारिणि निमो सैगलाचारिणि । खळ धारा सिगळाई खुटा, तु सां वाद कियो से त्रुटा । करनळ, मात निमो किनियाणी, तू जोरावर दइता जारणी । मोटे असुर तरणा मद मोडे, तु मैंपासुर झालि मरोड । सुरां तरणी दिकि ठरी सवाई, मैंषासुर लीवो मुख मांही । मैपासुर सरिखा महमाया, असुर खपाया तेही ज उपाया । तें पतरे मैंपासुर पीधा, केसव ब्रह्म निचिता कीधा । दईतां रे ऊपरि थारौ दड, चड मुड कद चीना चामड | सभ निरंभ सरिखा छळिया, त्रिभुयरगनाथ तरणा भी टळिया । देत वारिवा दळियो देवी, कमरण करें जुध तुसा केवी । असंख पवाड़ा तुझ तरणा प्रति, तु जमघटी सकति सदोमति । रगत ववाळि निमो रुद्रराया, मुंसां कृपा करे महमाया । तु मद पीये तु मदमती, तु छू छती तु हीज प्रछती । रवराया किहडी परि रीज, कतीआारणी आदेश करीजे । देवो देवी रिधि सिधि दीजो, किहि कि अम्हां सिरि मया करीजो | देवी तणो भुजंन दाखीजे, भलो भवानी मात भिरणीजे । भिळे भवानी भिळे भवानी, जगजीवन ब्रह्मा सा मुनी । वीस भुजाली वडा बडेरी, तु मोढेरी परां परेरी । तु गरढेरी निसिदिन गाजे, असरं ऊपरि आग्राजै । तु जड़घार तरणी वळ जागें, तु महराज तो घर मा ।
तु कुंडणी मात क्रहारणी, विरणीयां री तुम्ही ज धरियाणी ।
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