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[ १० ] घोडिलैइ चढ घणैरिड, माडी जुध मीराह । खेत उजेणी मां खसी, पछिम रा पीराह ॥ ११ ॥ धरणीधर मोटो धिणी, मोटा सा मोटोह । तू नान्हा सा नान्हडी, दे दईता दोटोह ।। १२ ।। कूड़ा ना कूटाडिस, हुइस हेककार। भोमि किलंगरी भेळिस, पालम रा असवार ।। १३ ।। नारद मा कीधी निपट, हरीचद मांही हेल। पीर कहै परमेसरा, खरौ तुम्हारौ खेल ॥ १४ ॥ तिलोई न जाणे ताहरा, ब्रह्मा जिसा विमेख । काइम तू सबखौ करै, अवखौ मारग एक ॥ १५ ॥ साई तू सिरदारडी, सखरौ थारौ साथ । तू देवां रौ दीवलौ, नव नाथा रौ नाथ ॥ १६ ॥ खबर करै नै खोजिये, दीसै एक दईव । किम करि सिरिज केसवा, जग पुड इतरा जीव ॥ १७ ॥ परमेसर थारी पहुँच, निमो निमो निरवाण। सिहि जीवा नां साहिबा, रिजिक दीय रहमांग ॥ १८ ॥ अला अला आवै अला, भला भला सिगि भूप। 'परमेसर वाधौ पला, एकलमला अनूप ॥ १६ ॥ अला तुम्हारी आसरौ, अला तुहारी आस । परमेसरजी पालिज, पीर तणा जम पास ॥२०॥ हिमै किहिकं सुप्रसन हुए, निकलक साह निजार। सामी राजा साभळे, पीरीय तणी पुकार ॥ २१॥ हसा राखि हजूर मा, सखरी वास सुवास । सोरभ आवै सामिरी, दाखै बारट दास ॥ २२ ॥ हसा राखि हजूर मा, हसा राखि हजूर । चौक घणेरा चक्रधर, प्रिथमी ऊपरि पूर ॥ २३ ॥