________________
[ ५८ ]
चालमोक (३८, ६७, १०३) वाल्मीकि बुध (३०, १८, ३६)-बुद्धावतार, ऋषि ।
गौतम बुद्ध । वाळि (५६) वालि नाम का वानर । बुधा (७)-बुद्धअवतार, बुद्ध भगवान । वाहिरौ (४६, ७०)-रहित, विना । । बुधि (३९) बुद्धावतार । बाहुडियो (९)-चिल्लाया, पुकार की | बुरो (४८)- बुरा विदे (१८)-बदन करते हैं । बुसट (६०)-दुष्ट विज्ञानु (४५)-विज्ञान
बुस (८०)-वैसे विण (३८)-रहित
वूझ (४४)-पूछता है। विन्हइ (१४, ५२, ६६)-दोनो ही। । बूडिस (२०)-डूब जायेंगे। वियो ४८)-द्वितीय, दूसरा। वे (५७) दोनो विरताव (३७)-प्रवेश कर बेकार मा (४०)-१ वेकार, २ असीम, बिरद (३१)-विरुद्ध
वेडा (७५)-नौका विरदाळ (७)-विरुदवारी । वेडी (१०२)-बंधन विरसाळा (१६) श्रेष्ठ
वेढि (१००)-युद्ध विरिद (११, ६१)-विरुद, यश, वेल (५५, ५६, ६९)-वश, मदद, कीर्ति ।
लता ? सहायता। विसन (७७)---विष्णु
वेलि (८६)-वेलि, लता। विहिन (१०१)-बहिन
वेलिया (९६) व्यक्ति, मित्र, साथी । वीज (३२)-द्वितीया, तिथि। | वेली (३१, ८३, ५३)-मित्र, दोस्त, बी०ळा (८३)-विट्ठल, श्रीकृष्ण ।
सहयोगी, सखा, मददगार । वीनवै (३७)---विनय करता है या । वेवइ (१४, ४१)-दोनो हो ।
__ करते हैं या करता हूँ। वर (११, १४)-स्त्री, महिला, पत्नी बोया (८७)-दूसरा, दूसरी। वैरा (५९)-स्त्रिएं वीहा (७५)-डरता हूँ।
वोटियो (६३)-काट डाले बुगासुर (१०३)—वकासुर नाम का वोढियो (८२)--नाश किया, डुवो दिया असुर ।
वोढे (७५)--डुवावे वुड (८०)-बडा
वोया (५८)-१. प्रारम्भ किये। ---- बुद्ध (३४)-बुद्ध भगवान ।
२. स्थापित किये।