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विभाग ३-स्त्री पुरुष वर्णन । विभाग ४-प्रकृति वर्णन । विभाग ५-कलाएँ और विद्याएँ । विभाग ६–जातियाँ और धंधे । विभाग ७-देव वेतालादि । विभाग ८-जैन धर्म संबंधी। विभाग :-सामान्य नीनि वर्णन । विभाग १०-भोजनादि वर्णन ।
इस वर्णक में न केवल भेद प्रभेदों एव नामावलियों का विस्तारपूर्वक उपयोगी वर्णनमात्र हे अपितु इसमें साहित्यिक सौदर्य की अलंकृत शैली का भी यत्र-तत्र दर्शन होता है । साथ ही परिशिष्ट के रूप में रक्षकोप' और राजनीति निल्पण, नामक दो सस्कृत ग्रंयों को देकर संपादक ने इसकी उपयोगिता का विस्तार किया है । इस विशिष्ट उपरोगी वर्णक संग्रह के प्रकाशन में कुछ अनावश्यक विलंब अनेक कारणों से हुधा तो भी यह व्यवधान इसे इस रूप में प्रकाशित करने में कुछ अंशों तक सहायक भी सिद्ध हुपा है। श्राशा है इस उपयोगी ग्रंथ का श्रादर होगा।
सुधाकर पांडेय प्रकाशन मंत्री
श्राषाढ १, २०१६
1962