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( १०० ) लक्ष्मी देवी वर्णन
पुण्य लक्ष्मी पवित्र, एह भरत क्षेत्र । परइ हिमवत पर्वत सुवर्णमय छइ । एक सहिस्र बावन जोऋण श्रनई बार कला जे पिहुलउ । सउ जोश्रण ऊंचउ । तेह उपरि पप्न द्रइ छइ । जे किसउ ? निर्मल जल परिपूर्ण । दस जोश्रण ऊंचउ । पाँच सउ जोश्रण पिहुलउ । सहिल जोश्रण लावउ । वज्रमय पासा । तेह पद्मद्रह माहि श्री देवता वसिवा योग्य कमलइ । ते किसिउ ? एक योग पिहुलउ, एक जोश्रण लावउ । जोश्रण माहि विकासे पाणी ऊपरि । त्रिणि जोश्रण सविसेष तेहनी परिधि । वज्रमय तेहनूं मूल । रिष्ट रत्नमय कद । वैडूर्य नम निल रत्न | तेह मय नाल । रक्त सुवर्णमय तेहना बाह्य पत्र | किंचि रत्तमय नाबू नइ नाम सुवरणी तेह मय श्रम्यतर पत्र । तेह कमल माहि बीन कोस रूप । सुवर्ण मय कर्णिका छइ । ते किसी ? रक्त सुवर्णमय तेहना केसर । बिकोस तेलाबी नह पिहुली । एक कोस ऊंची । त्रिणि कोस सविशेष तेहनी परिधि । तेह कर्णिका नइ मध्य भागि श्री देवता योग्य भुवन छइ । ते किसउ १ एक कोस लाबू, एक कोस पिहुलु, माहेरडं कोस च । त्रिणि द्वार तेह भुवन तणाएक पूर्व दिशि- एक उत्तर दिशि - एक दक्षिण दिशि । ते बारणा पाचसइ धनुष ऊचा, श्रठीसइधनुष पिहुला । तेह माहि श्रढीसह धनुष प्रमाणमणि मय वेरका | जे ऊपर श्रीदेवता योग्य सघन छइ । हिवइ जे मूलिगउ कमल कहिउ ? तेह कमल नेरे श्रोत्तर सउ कमले वलयाकार पणइ वीटउ छइ । ते सघाइ कमल मूलगा कमल तउ - श्रई प्रमाण जाणवा तेहे सविहु कमले श्रीदेवता तणा आभरण रहह । तेइ वलय पारवतोइ बीजड कमल नउ वलय छइ । विus वलय श्री देवी तथा च्यारि सहस्रि जे छह । सामान्य देव नेहणा वायव्य ईशान उत्तर दिशि च्यारि सहस्रि कमल छइ । ते मुख्य कमल नउ श्रद्ध प्रमाण
जाणवा । तथा श्री तराइ महा मंत्रि कल्प छइ । जे च्यारि महत्तरादेवी तेहना / न्यारि कमल पूर्व दिशि जाणिवा । श्री देवी तराइ अभ्यंतर पर्षद तणा आठ सहस्र
छइ जे मुख्य स्थानीय देव । तेहणा दश सहित कमल श्राग्नेय कूणिवा । श्रीदेवी तराइ मध्य पर्षद तणी दश सहिस छइ ते मित्र स्थानीय देव । तेहणा दश सहिस कमल दक्षिण दिशि जाणिवा । श्री देवी तणा बाह्य परिषद बार सहित्र छइ जे किंकर स्थानीय देव तेह तणा वार सहित्र नैऋत्य कुणि कमल जाणिवा । श्रीदेवी तणइ हस्ति अश्व रथ पायक । महिष नाम गधर्च रूप जे सात कटक तेह तथा जे सात स्वामी तहे तणां सात कमल पश्चिम दिशि जाणिवां । तेह बोना कमल नइ वलय पावतीइ त्रीनउ वलय छर, विहा श्रीदेवी तणा जे सोल सहिल ग