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( ७७ ) काचइ कर्पूरि स्वस्तिक भरिया . अवीधा मोती तणा चउक पूरिया । प्रवालाधोखंडे नंदावर्त्त रचिया । अंतरा २ पुप्फ तणउ प्रकरु भरियउ कृष्णागर अखवियउ। . . पंचर्ण पाटू पटुला तणा अलोच बाधा मुक्ताफल संबन्धिनी त्रिसरी मोतीसरी लबावी राना स्वयमेव अास्थानु दे बइठइ मोरवीछ तणे वाउ वीजणे वाउ खेपियइ छ। अपरि सजल जलद पटलाय मान मेघ डंबरु धरित्रो मस्तकि त्रिशेखरु मुकुटु रचियउ दीति विनिर्जित मार्तण्ड मंडल कर्णि कुडल निवेस क्क्षस्थलि स्थूल मुक्ताफल प्रथित सर्व सारु नवसरउ हारु लबावियउ । सहस दलु हस्ति कमलु, निरुव करु पाय टोडर पुरुष प्रमाणु सिंहासनु कटी प्रमाणु पादपीछु, पश्चिम दिग्ग विभागि थईयायतु वाम प्रदेशिमंत्रि, जीवणह पुरोहितु । बिहु पक्खइ अंगरक्ख तणो श्रोलि । सर्वत्रह काबडिया फिरिया। तेतइ समइ सुपहुत्तउ ।। जोड काहली तडपडइ सार उठिया हाथि गडया सीगी तणा शब्द कल्त्रोल ऊछलइ नीसाण घाइ वलइ तुरंगम तणा हिणहिणाकार सुभट तणा बापूकार घंटा हरपा टंकार कवीहणा झकार हूया - वीर सिरि पट्ट बाधा फरोहणा मडप ठाडा खाडा तणा समुद्र विस्थारा कडोरण कोठार भरिया सुभट तणी पाटी भरी श्रारेणि तणी सूत्रण धरी प्रलय तूर्य वाजेवा लागा