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________________ 657 पुटम् 66 327 424 340 546 .... 368 424 ... .... 171 155 प्रमाणवचनम् पुटम् | प्रमाणवचनम् अवस्तुभेद 317| अस्माकं त्वव अवस्थानिबन्धनव अस्मानुपा अवस्थापरिणाम अस्माभिस्तदिशा अवस्थितस्य द्रव्यस्य अस्य द्वैतेन्द्र अवस्थितानि अहंप्रत्यय अविद्यमाना अहं वैश्वानरो अविद्याजायमा अहीनसत्व अविनाभाव .... 35 अहेतुकत्व अज्ञानं तदपाश्रित्य अविभागोऽपि 59 अरुद्धविशेषण 80 आ अविरुद्धस्तु | आकाशमिन्द्रिये अविशिष्टाद्विशि 77 आकाशाद्वायुः अव्युच्छिन्नास्त 214 अशक्यापह्नवा 398/ आकाशे चाविश अष्टाचका आक्षिप्तव्यतिरेका अष्टौ प्रकृतयः 171 | आगन्तुकापृथक्सि 173 | आगमार्थ .... 177 आत्मन आकाशः आत्मकृतेः असच्चासदिति आद्याः पुनस्तयोः असत्त्वे सर्वभा 368 | आपोमयः असदकरणादु 259 आपो वा इदम् असन्निकृष्ट आयसात्तैजसम् असन्निश्चय आरोपे सति अस्तिसत्वउपपा 29 आवारकम् 339 आविर्भाव अस्त्येवं किं तु 344 अस्मदुक्तं 83 | आसीदिदं तमो SARVARTHA. .... 534 .... 523 321 ..... 141 512 .... 309 29 .... 535 313 .... 318 .... 547 .... 158 .... 565 .... 576 .... 291 .... 47 98 . .... 327 522
SR No.010754
Book TitleTattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorD Srinivasachar, S Narsimhachar
PublisherD Srinivasachar, S Narsimhachar
Publication Year1933
Total Pages746
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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