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गीताभाष्यम्--185, 310, 446. गोलदीपिका-587, 590, 595. चतुश्शतिका-59. ज्योतिशास्त्रैकदेशिन-585. जैना:-585. छान्दोग्यम---92. तत्वटीका-72, 809, 310, 312, 421. तत्वमात्रपश्चिका--37. तत्वरत्नाकरः-571. तत्ववैशारदी (योग)---282, 254, 286, 287, 305. तत्वसंग्रहः--317, 321, 326,327, 329,334, 337, 343, 344,
356, 363, 368, 378. तत्वसंग्रहपश्चिका---197, 317, 318, 322, 323, 334, 339, 345,
354, 364, 370,375,386, 389. तत्वसा(ग)रः----25. तत्वार्थाधिगमसूत्रम्---16). तत्रान्तरम् (शैवम्)----450. तात्पर्यटीका--49, 58, 202, 214, 216, 220, 221, 234,240,
277, 278, 279, 281, 289, 290, 318. तात्पर्यचन्द्रिका---120, 1:31. तार्किकरक्षा-437. दीपः -~-473. दैवज्ञविलासः-592, 597, 606. धीवृद्धिदतन्त्रम्----591,593, 602,603, 608. नागार्जुनस्तव:----423. नारदीयसंहिता-610. न्यायकणिका-282, 289. न्यायकुलिशम्----421, 422. न्यायचन्द्रिका--399. न्यायपरिशुद्धिः---159. न्यायविन्दु:---62, 63, 64, 87, 321, 323, 332, 343, 362, 366.