________________
सम्पादकीय टिप्पणी
मुहणोत नेणसी ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ "मुहणोतनेणसीरी ख्यात' में राजस्थान के इतिहास पर विस्तार से लिखा है । मूल ग्रन्थ राजस्थानी भाषा में है जिसका प्रकाशन "राजस्थान पुरातन ग्रन्य माला" में किया जा रहा है । इस ख्यात का हिन्दी रूपान्तर नागरी प्रचारिणी सभा, काशी द्वारा प्रकाशित हो चुका है।
___ “वीरवाण" सम्बन्धी कई घटनाओं के विषय में भी मुहणोत नेणसी ने अपनी ख्यात में लिखा है । मुहणोत नेणसी के वक्तव्य से काव्य के ऐतिहासिक पक्ष को समझने में बहुत सहायता मिलती है । साथ ही वीरमजी, गोगाजी आदि काव्यगत चरित्रों के सम्बन्ध में कई नवीन सूचनायें प्राप्त होती हैं । इसलिये मुहणोत नेणसीरो ख्यात के सम्बन्धित अंशों को यहां प्रकाशित किया गया है।