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पा
VASTE
अनुभव की भूख नही है तो मात्र चर्चा ही चर्चा | भोजन का भूखा मनुष्य भोजन की चर्चा पसन्द नहीं करता, उसको भोजन चाहिये। धर्म की भूख लगी है, तो धर्म की चर्चा हो ही नही सकती, धर्म का भूखा तो धर्म का अनुभव करने मे ही पुरुषार्थ करेगा। आजकल धर्म की चर्चा वढगई है . 'धर्म का आचरण घट गया है।