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जानी पुरुप स्वय के मन का तो समाधान अवश्य कर सकता है, परन्तु अज्ञानी के मन का समाधान कर ही सके, ऐसा नियम नही है। कर भी सके और नही भी कर सके | भगवान् महावीर परमात्मा प्रियदर्शना साध्वी को नही समझा पाये, लेकिन उसी को कु भकार श्रावक ने समझा दिया
था।
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