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मेरा अभिमत जिन-शासन मे श्वेतावर सप्रदाय के महात्माओ मे योगी श्रीआनन्दधनजी का एक विशिष्ट स्थान है। कवितारूप मे उनका चतुर्विशतिस्तव बहुत प्रसिद्ध
और ज्ञान-प्रधान होने से विद्वज्जनो मे सम्मान्य है। ___अनेक मुनियो ने इस पर व्य स्याएं भी लिखी हैं । श्रावको को भी भक्तिरस उपलब्ध हुआ है। बडे-बडे पहुंचे हुए सभ्रात पटित भी आपकी स्तुति से बोध प्राप्त करते हैं। तपस्वी मुनिश्रीमगनमुनिजी म सा की प्रेरणा से प रत्न मुनिश्री नेमिचन्द्रजी म. सा ने परिश्रमपूर्वक हिन्दी भाषा मे साधारण जनता के लिए उपयोगी, उत्तम विस्तृत भाष्य लिखा है। प मुनिश्री का यह प्रयत्न स्तुत्य है। इस नवीन भाष्य को पढ कर भव्य आत्माएं सम्यग्दर्शन की ओर बढेगी तो भाष्यप्रेरक तपस्वी श्रीमगनमुनिजी एव भाष्यकार ५० मुनि श्रीनेमिचन्द्रजी का श्रम मफल होगा।
सूरजचन्द डांगी (सत्यप्रेमी) बडे मंदिर के पास वडीसादडी (राज)
term
दात मारती
पुस्तक प्राप्ति स्थान (महाराष्ट्र में) राजेन्द्र कुमार मोहनलाल मुथा अर्वन कॉ ऑपरेटिव बैक
___ गांधीरोड अहमदनगर (महाराष्ट्र)