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अध्याना-दर्शन
लिए यथार्य नीति-गाज की परिनान, निगमाया प्रीमिय और गोवा प्रीनि, नीतिप्रीति ग पनि गन मे नि बागा, मान चिषित गष्ट-राहन आदि को नपर बना र नर पतिजन fan जीन का रहस्य, तत्पश्चात अशा प्रभु नी पोनि में विग्ना तो गार हत्यमान ली गीशि गिद्ध करने वालो की अजना बना कर गन्नी प्रोनि के लिए चेतना की मा
और निपट आन्मापणना की अनिवागना बनाई गनगन, परमायाप्रीति का रहस्योद्घाटन करने में योगी धीमायाजी मार कर दिवाया है।