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________________ स्मरण कला ८५ सन्य [अपने देश का माध्यमिक इतिहास पृ. २६ थोडे परिवर्तन के साथ] । इस वाक्य में नीचे के मुताबिक रेखाम्रो का उपयोग करो सिन्ध प्रान्त के लारकाना जिले मे, आज से पांच हजार वर्ष पूर्व मोहनजोदडो नाम की भव्य और समृद्ध नगरी सिन्धु नदी के तट पर थी। जिसके मकान ईट के बने हुए थे और राजमार्ग चौडे और वैसे ही पद्धतिबद्ध थे। सिन्ध, लारकाना, पांच हजार वर्ष, मोहनजोदडो, सिन्धुतट, मकान, राजमार्ग इन शब्दों को तीन बार मन मे धीमे से बोलो। फिर उन पर नीचे-लिखे प्रकार से विचार करो। ___ इस वाक्य में मोहनजोदड़ो नाम की नगरी का वर्णन है । प्रान्त सिन्ध जिला लारखाना समय पाँच हजार वर्ष - - वर्णन उसके मकानो का और राजमार्गों का । अब धीरे-धीरे निम्नोक्त ढग से उस वाक्य को मन में तीन बार बांचो। -- सिन्ध प्रान्त के, लारखाना जिले मे, आज से पाच हजार वर्ष पूर्व, मोहनजोदडो नाम की-एक भव्य--और-समृद्ध नगरी, सिन्धु नदी के तट पर थी। जिसके मकान ई ट के बने हुए थे और -- - राजमार्ग चौडे तथा पद्धतिबद्ध थे। . जहाँ वाक्य विभाग लम्बे हो वहाँ विशेष विचारणा करनी चाहिये । जैसे कि-मोहनजोदडो कैसी नगरी थी? भव्य और समृद्ध । कैसी ? भव्य और समृद्ध । राजमार्ग कैसे थे? चौड़े तथा पद्धतिवद्ध । कैसे ? चौडे तथा पद्धतिबद्ध, चौडे तथा पद्धतिबद्ध । - अब इस वाक्य-को-धीरे-धीरे स्मृति-पट पर. लाओ। तो इसके मूल क्रम मे बरावर श्रा, जायेगा-1 - - -
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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