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अरिहन्त की उपासना
प्रभु नाम की महिमा
एक ही व्यक्ति के एक से अधिक नाम जव सुनने को मिलते हैं तब हृदय मे प्रश्न उठता है कि व्यक्ति एक और उसके अनेक नाम क्यो ?
एक ही व्यक्ति के अनेक नामो के पीछे कुछ न कुछ रहस्य छिपा हुआ होता है, कोई न कोई विशेष उद्देश्य होता है। '
व्यक्ति के अनेक गुणो, विविध शक्तियो और उसके जीवन मे घटी असाधारण घटनामो का उसके विविध नामो से विशेष सम्बन्ध होता है।
यहां हम श्री अरिहन्त परमात्मा के विविध नामो पर विचार करेंगे, प्रत उस तथ्य को लक्ष्य मे रखकर हम आगे बढेंगे।
श्री अरिहन्त परमात्मा अर्थात् सर्वज्ञ, सर्वदर्शी, परमेश्वर, परमात्मा, अनन्त गुणो के साक्षात् निधान, पूर्णता की प्रकट प्रतिमा, आत्मिक विकास के चरम शिखर........।
जिनकी आत्मा मे किसी दोष का हजारवाँ अथवा लाखवां भाग भी नहीं होता । इस प्रकार के पूर्ण गुणी, पूर्ण ज्ञानी परमात्मा मे निहित अनन्तानन्त गुणो, अक्षय शक्तियो और अप्रतिम ऐश्वर्य का परिचय उनके विविध नामो से प्राप्त होता है।
परमात्मा तो अनामी एव अकामी हैं, फिर भी विश्व उन्हे अनेक नामो • से सम्बोधित करता है, उनकी सच्चे हृदय से प्रार्थना, पूजा, सेवा, भक्ति
मिले मन भीतर भगवान
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