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प्रधानाचार्य श्री सोहनलाल जी अोडायर तथा जेनेरल डायर दोनों को उनकी करनी का अपनी बुद्धि के अनुसार ऐसा फल चखाया कि सारा संसार भारतवासियों के साहस की प्रशंसा करने लगा।
हमारे चरित्रनायक का जन्म भी ऐसे ऐसे महान नर रत्नों को जन्म देने वाले पञ्जाब प्रान्त के स्यालकोट जिले के सम्बडियाल नामक नगर में हुआ था, जो आजकल पाकिस्तान का अंग बना हुआ है।
सम्बडियाल एक अच्छा व्यापारिक केन्द्र था वहां अनेक धनी, मानी एवं दानी सज्जन निवास करते थे। सम्बडियाल ही हमारे चरित्र नायक की जन्मभूमि था। उन्होंने अपनी अमूल्य शिक्षाप्रद वाल्यावस्था के दिन इसी नगर में व्यतीत किये थे।