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जन्म स्थान
थी। यह बात स्मरण रखने योग्य है कि लाला लाजपतराय का जन्म जैन कुल में होने पर भी वह संगति दोष के कारण आर्य समाजी होगए थे। बाद में तो उनका आर्य समाज से भी मन फिर गया था
। अपने बुद्धिबल से भारत के मस्तक को संसार भर में ऊँचा करके उसके गौरव को बढ़ाने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी लाला हरदयाल भी पञ्जाब के ही निवासी थे । लाला हरदयाल की बुद्धि इतनी तीव्र थी कि वह जिस प्रन्थ को,एक बार देख लेते थे वह उनको कण्ठ याद हो जाता था।
अपनी वीरता के प्रभाव से पराक्रमी ब्रिटिश सरकार को कंपा देने वाले तथा हँसते हँसते फांसी के तख्ते पर झूल कर बलिदान हो जाने वाले वीर शिरोमणि भगतसिंह का जन्म भी पञ्जाब में ही हुआ था। - ___ अंग्रेजों के समय में हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बनने वाले प्रथम भारतीय सर शादीलाल भी इसी प्रान्त के निवासी थे । अंपने दान से अनेक अनाथों की रक्षा करने वाले, अनेक अस्पताल बनाने वाले तथा संसार भर को दानवीरता का पाठ पढ़ाने वाले सर गंगाराम भी- इसी प्रान्त की रज में खेल कर बड़े हुए थे।
भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन के समय वहां के गवर्नर सर माइकेल श्रोडायर ने न केवल पञ्जाब में अत्यधिक अत्याचार किये, वरन सैनिक शासन की घोषणा करके अमृतसर के जलियांवाला बाग में होने वाली एक सम्पूर्ण सभा को जेनेरल डायर की गोलियों से भुनवा दिया। इसी पञ्जाब के एक वीर 'ऊधमसिंह ने लंदन की एक भरी सभा में जाकर सर माइकेल