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________________ १८ | मुनिश्री प्रताप अभिनन्दन ग्रन्थ मेरी शुभ कामना -स्थविरमुनि श्री रामनिवास जी म मेरे जीवन मे यह प्रथम प्रसग था कि-पण्डितमुनिश्री प्रतापमल जी म. सा. के साथ सम्वत् २०३० इन्दौर का यह चातुर्माम विताने का अवसर मिला । आप जितने शरीर से महान् है उससे भी कई गुनित विचारो मे उदार एव महान् है । आप सम्प्रदाय वाद से परे है। सकीर्णता से दूर है । 'उदार चरितानाम् तु वसुधैव कुटुम्बकम्" इस सिद्धान्त को आपने जीवन साक्ष किया है । तद्नुसार आप का शिष्य परिवार भी उमी पवित्रपरम्परा को निभाने मे कटिवद्ध हैं । एव विवेक, विनय, विद्याशील है। मेरी शुभ कामना समर्पित है। अभिनन्दनीय यह क्षण --प्रवर्तक, शास्त्रविशारद मुनि श्री हीरालाल जी म० 'वज्रादपि कठोराणि मृदूनि कुसुमादपि' दार्शनिक जगत ने फूल एव वज्र की दृष्टि से सत जीवन को कोमल एव कठोर उभय धर्मात्मक अभिव्यक्त किया है। परकीय दुख-दर्द-पीडा-चीत्कार एव सरासर मानवता का अध पतन आखो के समक्ष देखकर साधक का मृदु मन द्रवित होना स्वाभाविक है। इसलिए कहा है-'परोपकराय सता विभूतय' अर्थात् साधक-विभूतियाँ समार मे परोपकार के लिए अवतरित हुई हैं। मेवाड भूपण प० श्री प्रतापमल जी म० सा० भी उदार विचार के धनी एव उच्चकोटि के कर्मठ साधक माने गये हैं। जिनके साथ मेरा मधुर सम्बन्ध वैराग्य-अवस्था से अर्थात् १९८६ से अट चला आ रहा है । अनेक सयुक्त वर्पावास भी साथ करने का मुझे अवसर मिला है। आप मे अगणित गुण विद्यमान हैं। सचमुच ही अन्य साधक जीवन के लिए अनुकरणीय है। माधुर्यता पूरित भापा, नम्रवृत्तिमय जीवन एव समन्वय सिद्धान्त के माध्यम से सगठन-स्नेह की गगा प्रवाहित करने मे आप अत्यधिक कुशल हैं। अनेक साधु-साध्वी वर्ग को अध्यापन करवा कर उन्हें होनहार बनाने मे आपका श्लाघनीय सहयोग रहा है। रचनात्मक कार्य भी आपके द्वारा पूर्ण हुए हैं-इन्दौर मे स्थापित 'सेवा सदन', जावरा मे सस्थापित 'स्वाध्याय भवन', दलौदा का 'दिवाकर स्मृति भवन' आदि आपकी ही देन हैं। सुदूर देशो मे आपने विहारयाया करके भ० महावीर के दिव्य सन्देश को प्रसारित किया है। आप की सयम साधना सुदीर्घ काल तक सघ रूपी उद्यान को उत्तरोत्तर विकसित एव सुवासित करती रहे । यही मेरी शुभकामना है। -
SR No.010734
Book TitlePratapmuni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshmuni
PublisherKesar Kastur Swadhyaya Samiti
Publication Year1973
Total Pages284
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size11 MB
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