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प्राकृत ग्रन्थों की शब्दसूची ६९७ भंडी-गाड़ी
| सासेरा = यंत्रमयी नर्तकी भदंत आचार्य
मयूरांगचूलिका = एक आमरण धाय%मिक्ष
मडफ्फर = गमनोत्साह अणुरंगा=गाड़ी
खरिकामुखी दासी मेतर-प्रासुक
च्छेवग= मारी वेतुलिया= नास्तित्ववादी
किढग वृद्ध इत्थी (सागारिय) योनि
कासहस्यचित् फेल्ल= दरिद्र
वृहत्कल्पभाष्य (ईसवी सन की आयमणी = लुटिया घोडा चट्ट
लगभग चौथी शताब्दी) दिपाठी = वैधक जाननेवाला
मद्गु= जलकाक अप्पाहे-सकारण
कुड: घट खलुग%=घुण्टी
खउर-एक भाजन मन्न-क्रोध
वालुंक-चिटिका = फूट दीणार = दीनार
संडासग= संडसी सरडू = जिस फल में गुठली न हो।
असंखड = कलह वियरग = कूपिका
साभरग% रूपक कोनाली= गोष्ठी
कोत्थु = कौस्तुभ गणि अलित्त नौकादंड
मोग्गरगमोंगरे का पुष्प गुंठ-मोड़ा
मरुग-ब्राह्मण दंतिक्क= लड्ड आदि जो दाँत से तोड़
सागारिय-मैथुनस्थान = योनि कर लाया जाता है।
किढी=स्थविर व्यवहारभाष्य
चाड% पलायन संगार-केत
खुल = दुर्वल वाहुं नाश
तुप्प' =धी
सोलग घोड़े का साईस कडिल्ल- महागहन वियरिय= जलाशय
उंडिका- मुद्रा सिग्ग% परिश्रम
चालिणि = चालनी = छलनी खरिका=गर्दी
डंडणयामेरी संभालती
चोप्प = चोक्ष = मूर्यः वोद: मृ
जक्खुलिहण = यक्ष अर्थात् कुत्ते को रकडुय: मृतक भोजन
___जीभ से चाटा हुआ डेव%3Dडिप - प्रपातं कुरु (टीका) उड्डंचक- याचक मुईग = मकोड़ा
कोल्नुपरंपर= कोल्लुक चक्रन्याय संगिल - समुदाय
तालायर-नट १. मराठी में तूप।