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तुंडिय = थंगला
पालु = "पान पडियाणिया : वहियावासी :
वुग्गह =
=थंगली
प्राकृत साहित्य का इतिहास
गंड = स्तन
वीरल श्वेन पक्षी उदद्दर = भिक्ष
फ़ुट्टपत्थर टूटे हुए पत्थर कंवडिय = कितना
वीसुंभण = जीव और शरीर का पृथके
= अन्य गच्छ का
बृहत्क+पसूत्र (दसूत्र )
*
बच्चा = मन
हरियाहडिया = हताहनिका
पवत्तिणी = साध्वियों में प्रधान साध्वी दिहलि = शिवा
वगडा = नाड़
सिहिरिणी = शिखरिणी-दही और चीनी
से बना एक निष्ट वध (श्रीखंड ) तिरडपट्ट= वृक्षविशेष की छाल का बना
कपड़ा सणय = राम
= कनात = पढा
मेरा = मर्यादा चिलिया मिलिया: अहालन्दं = काल का एक परिमाण सक्कुली = शष्कुली = तिलपापड़ी नीड (निर्हत ) = निर्गत मोय = पुत्र
( ख निशीथ भाष्य ( भाष्यों
का समय ईसवी सन् की
लगभग चौथी शताब्दी ) वाल' = गुड़िया जड्डु = हाथी
उंमुग = अलाय = जलता हुआ काष्ठ छप्पत्ति = जूँ ( छह पैरवाली ) दोगच = दारिद्र्य
कहोल=ल से तैयार की हुई भूमि
गलोल = एक प्रकार का पात्र हाउणालो = अँगूठी
: कोलुग = वगाल घडा = गोष्ठी
टीना
खोल = गोरस में भावित
१. मराठी में बाहुली ।
दगवारय = हुआ
उसु = नि
खरकम्मिय राजपुरुष
चमढ = निष्कारण गण से बहिष्कृत संगती
वहखुर = रावुर = • श्रेष्ठ घोड़ा कामजल = स्नान करने की चौकी खोल = फोटर दमअ =
दरिद्र
नेड्डु = घर भोड़या :
= पनी
(मैथुन के लिये ग्रहण योग्य)
= नागा या फूआ की लड़की साली
विग्गह = जननेन्द्रिय
अहिणव = अि ओम = दुर्भिक्ष
• जलोदर
डउयर =
लाया = लाजा
कुडुभग = जल का मेट्रक कोणय : = लाठी अंचिय = दुर्भिक्ष
कमणी = जूते
मालवण : = मालव पर्वत पर रहनेवाले
चोर