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________________ . रचयिताः ., ... पूज्य विद्धान मुनिराज श्री जिनचन्द्र विजयजी महाराज । - पूज्य गुरुवर्य आचार्यदेव श्रीमद् विजयभुवनसूरीश्वरजी महाराज । जीवनदर्शक-गुरु गुण गीत . : दोहा : . (१) चौवीस जिनवरने, नमी गौतम. लागू पाय; . प्रणसी माता शारदा, सद्गुरु लागू पाय । (२) प्रथम जिणंद वंदन करी, सादडो नयर मझार; सुणजो हे नरनारीओ, जग गुरुनी आ वात । (३) वणिक कुलमां शोभतो जैन कुल मनोहार, - लक्ष्मी पितानो पुत्र छो, कंकु माता नाम । . (४) ओगणीससोने सठे महा मास सुखकार; सुद तेरसनी रातना, जन्म थयो सुखदाय । (५) तल कुक्षी थी उपंज्या, भगवती नाम सुहाय; घरमा आनन्द उपन्यो जाणे पूनमचन्द्र ।। (६) सगा संवन्धी बहुजनो चोले हर्षना बोल; दान प्रेम पसायथी राम .. करे प्रतिवोध । (७) प्रथम भुवन विजय थया भुवनसूरि महाराज, सोल वरसनी लघु क्ये त्याग्यो 'छे संसार ।
SR No.010727
Book TitlePravachan Ganga yane Pravachan Sara Karnika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvansuri
PublisherVijaybhuvansuri Gyanmandir Ahmedabad
Publication Year
Total Pages499
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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