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________________ ... व्याख्यान होलमें यह भगीरथ कार्य करनेवाले पू० गुरुदेवश्ची को कोटि कोटि धन्यवाद घटता है । . .. किसीकी मृत्यु होने के वादमें रोने-कूटने के कुरिवाजों का त्याग .. करने का यहाँ के संघने निर्णय किया है । । कार्तिक सुदी १ प्रातः ६॥ बजे नवस्मरण एवं गौतम स्वामी का रास पू० आ० देव ने भाववाही रीतसे सुनाया था। अंतमें प्रभावना हुई थी। - .. कार्तिक सुदी ५ आज ज्ञानपंचमी होने से पौषध आदि अच्छे । प्रमाण में हुए थे। प्रधानों का सुभागमन :... कार्तिक सुद ६ रविवार दोपहर को ३ बजे जयपुर से राजस्थान सरकार के अन्नप्रधान परशराम मदरेना, विद्युत प्रधान खेतसिंह राठोड एवं विधानसभा के उपाध्यक्ष पुनमचंद विसनोई अपने स्टाफ के साथ गुरुदेवश्री के दर्शन करने के लिये पधारे थे । बडे प्रेमसे वासक्षेप, डलाया था। उसके बाद पब्लीक भाषण हुआ था । .. फा० सुद १४ चोमासी की आराधना सुन्दर हुई थी। .. फा० सुद १५ दोपहर को ११ बजे .पू. गुरुदेव. श्रीसंघ साथे गुडाबालोतराननी वेण्ड पार्टीनां मधुर शब्दो साथे गाममे . फरीने धर्मशालामां बांधला सिद्धाजलजीनां पददर्शनार्थे पधारेला । दोपहर को वड़ी. पूजा धामधूम से पढाई गई । अंतमें प्रभावना हुई थी । .. . ...पू. श्री शीघ्र विहार करनेवाले होने से चातुर्मास परिवर्तन का कार्यक्रम बंध रखा गया था । : . . पू० आ० देवश्री पधारे तवसे नित्यं सुवह ८॥ से दस बजेतक व्याख्यान चालू था । : .. ....... ... हर रविवार दोपहर को २ से ३॥ तक रामायन की रस धारा : पू० म० श्री जिनचन्द्र विजयजी महाराज बहाते थे।
SR No.010727
Book TitlePravachan Ganga yane Pravachan Sara Karnika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvansuri
PublisherVijaybhuvansuri Gyanmandir Ahmedabad
Publication Year
Total Pages499
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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