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________________ । 51 (4) डी (D) प्रति-यह प्रति मारवाड मे जोधपुर के निकट पाली स्थान मे प्राप्त हुई थी। इसकी सन्या 270 है। कुल 32 पृष्ठ है । मूल पाठ और टीका दोनो ही हैं । परन्तु यह प्रति पूर्ण नहीं है,। इसकी लिखावट बहुत ही खराब और प्रमुद्धियो से भरी हुई है। (5) ई (E) प्रति-यह प्रति डा बुल्हर की अपनी है और उन्हे अहमदाबाद मे मिली थी । इनमे केवल मूलपाठ है । पृष्ठो की सस्या 20 है । इसकी पुष्पिका मे निर्माण काल 1575 दिया गया है जो मम्भवतः सम्बत् ही होगा। इसमे मूलपाठ और टीका दोनो ही है। यह सभी प्रतियो में अच्छी और शुद्ध है परन्तु इसके 1-19 तक के पृष्ठ गायब है। इस तरह यह भी अपर्ण प्रति है । पार पिशेल के अपने द्वारा सम्पादित 'देगीनाममाला' के मूलपाठ निर्माण मे इसके शेप भाग से बहुत अधिक सहायता ली है। (6) एफ (F) प्रति- यह प्रति लिमडी' नामक स्थान से प्राप्त हुई थी। डा बुल्हर के सहायक पण्डितो ने इसका परिशोधन भी किया था । थोडे से अन्तर के साथ यह 'वाढवान' मे प्राप्त 'ब'-प्रति से बहुत कुछ मिलती-जुलती प्रति है। (7) जी (G) प्रति- यह बीकानेर से प्राप्त प्रति है। इसकी सख्या भी 271 है । 'ए' प्रति की ही सत्या होने के कारण पहले इसे लोगो ने 'ए' की टीका समझ लिया था । परन्तु यह उससे अलग प्रति है । मूलपाठ और टीका सहित इसमे कुल 46 पृष्ठ है। इसका टीका भाग अत्यन्त शुद्ध और उच्चकोटि का है । परन्तु इसके अधिकतर पृष्ठ चूहो के द्वारा खा डाले गये हैं। बीच-बीच मे क्षत पृष्ठो (15,24,42) के अतिरिक्त अष्टम वर्ग की 21वी गाथा के 'डमुहो' शब्द के बाद का भाग पूर्ण रूप से गायव है । इसके क्षत-विक्षत पत्रो को जोडकर रिचर्ड-पिशेल ने लगभग सभी वर्गों को ठीक-ठाक पढ लिया था। इन सात मूल प्रतियो के अतिरिक्त डा वुल्हर ने दो और भी प्रतिया प्राप्त की थी (8) एच (H) प्रति-यह प्रति 1879 मे भारत सरकार के लिए अहमदावाद से खरीदी गयी थी। इसमे कुल 62 पृष्ठ हैं। समय सम्वत् 1628 दिया गया है। इसमे मूलपाठ और टीका दोनो ही हैं । रिचर्ड पिशेल इसे बहुत असावधानी से लिखी होने के कारण महत्त्वहीन बताते हैं । (9) आई (I) प्रति—यह प्रति भगवानलाल इन्द्राजी की अपनी प्रति है। मूलपाठ और टीका सहित इसकी पृष्ठ सख्या 86 है। बीच के 8-27 और अन्त मे
SR No.010722
Book TitleDeshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivmurti Sharma
PublisherDevnagar Prakashan
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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