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इत्लीरं (183)
कुमारी (2-35) ईसयो (1-84) गहीरी (2-82)
कुमुली (2-39) ईसरो गदीगी (2-83)
कु भी (2-34) ईसिन गडीव (2184)
कुररी (2-40) ई-इस सध्वनि का प्रयोग कहीं नहीं है ।
उडू (1-86) कउह (2-5) टिवरु) (4-3) उग्ररी (1-98) कहुअालो (2-57) हणु (8-59)
को उग्रा (2-48)
पोउया (6-61) रवा (1-86) उलुउ डिअ (1-115) मुंडु (6-100) उ बी (1-86) उल्लु टिन (1-109) वीसु (7-73) करणी (1-140) पाऊर (1-176) श्राऊ (1.61)
ऊरो (1-143) अवगूढ (1-20) उडू (1-86) क-इस सध्वनि का प्रयोग विल्कुल नहीं है। क्योकि शब्द निविभक्तिक
होकर प्राय प्रतिपादिक रुप मे ही सकलित हैं। संध्वनि प्रादिम -- म ए एमिरिणया (1-145)
पुडे (6-52) एलो ( 1-144) छेनग्रयो (3-32)
छेली (3131) गेंड (2-93)
गेढल्ल (2-94) एक्कगं (1-144) कालेज्ज (229)
एक्कसिवली (1-146) पेज्जल (6-57) और (1-149) छिक्कोट्टली (3-37) छायो (3-33)
औरल्ली (1-154) टिवक्कोलिय (3-25) कुह्हो (3-36) ग्री -
कोडियो (2-48) कोढत्लू 1 2-49)
स्व व ए
प्रो
2 3. 4
पूरे शोग में कर चार टीद है। पूरे भाग में रंगागन्त देवल दो ही मन्द हैं। पूरे में यही एक एकागन गन्द है। मोममर में योकारान्त शन्दो की भरमार है और ये सभी प्रायः पल्लिग हैं।