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________________ _122 ] मयरिणवासो 6-126 ग्रादि । शैव कापालिक के लिए अगहण 1-82 तथा शिव भक्तो के लिए बंगच्छा 7-39 शब्द पाये हैं । ये दोनो शब्द इस तथ्य का उद्घाटन करते है कि समाज मे पौराणिक त्रिदेवो (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) मे सृष्टि का सृजन एव कल्याण करने वाले शिव तया शक्ति के अधिष्ठाता रुद्र रूपी शिव, इन दोनो ही रूपो की उपासना का प्रचलन था। शिव के रुद्र 1 रूप के लिए सिढत्यो 8-31 शब्द व्यवहृत हुया है । शिव पुत्र कार्तिकेय और गणेश के लिए क्रमश. च उक्करो 3-5 तथा हैरिवो 8-72 प्रयुक्त हुए हैं । ब्रह्मा के लिए थेरो 5-29 पसेवनो 6-22 तथा विसारी 7-62 तीन शब्द सकलित हैं। इनमे विसारी शब्द कमल पर ग्रामन लगाकर बैठे हुए ब्रह्मा का वाचक है । यह शब्द तद्भव है । विश का अर्थ कमलनाल होता है । विष्णु के लिए इस कोश मे एक्खत्तणोमि 4-22 भट्टियो 6-100 तथा सुवष्णविन्द 8-40 शब्द आये हैं । इन्द्र के लिए घणवाही 2-107 और इन्द्राणी के लिए धु धुमारा 5-60 तथा इन्द्र के पुत्र जयत के लिए पइहनो 6-19 शब्द प्रयुक्त हुया है। इन्द्र को प्रसन्न करने के लिए एक उत्सव का भी उल्लेख है जो सम्भवत वर्षाकाल मे वृष्टि न होने के कारण किया जाता रहा होगा । इस उत्सव के लिए इ दड्ढलो 1-82 शब्द प्राया है। प्रसिद्ध वैदिक देवता वरुण को जल के देवता के रूप मे उल्लिखित किया गया है । मिगो (8-31 ) तथा सुरजेठो और फेणववो फणडो 6-85 - ममुद्र और पश्चिम दिशा के देवता वरुण । कृष्ण के बड़े भाई बलराम का वाचक शब्द उसणसेणो - 1-118 है। देवियो मे चामुण्डा के लिए रिणम्मसा 4-35, दिबासा 5-39, चण्डी या दुर्गा के लिए सूलत्यारी (शूलवारिणी या शूलधरी), चन्द्रमा की स्त्री के लिए माणमी 6-147 शब्द सकलित है । एक स्थान पर देवमाताओ के लिए छाइयो 3-26 शब्द व्यवहृत हुआ है । इन देवतापो से अलग मनुष्यो को विविध प्रकार की वावाएं पहुँचाने वाले राक्षसो तथा भूत प्रेतो एव पिशाचिनियो का भी उल्लेख कई शब्दो मे हुया है। इन वाधक राक्षसों मे राह के लिए कई शब्द आये हैं जैसे अन्भपिसानो 1-42 गहकल्लोलो 2-86, सिंधुग्रो 8-31 तया पिशाच के लिए ढढरो तथा ढयरो 1. रुद्र के लिए दूसरा व्यवहृत शब्द 'पहरगो' 6-23 है।
SR No.010722
Book TitleDeshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivmurti Sharma
PublisherDevnagar Prakashan
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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