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मदिरा-इस कोश मे मदिरा के कई प्रकारो का उल्लेख हुआ है । उनका विवरण इस प्रकार है।
जगल-3-41 गन्दी शराव, कल्ला' तथा कविस 2-2-समवत महुए की शराव । तहरी2 5-2 शब्द भी गन्दी शराब के लिए व्यवहृत हुआ है। दअरी 5-34 तेज शराव । पच्चुच्छहणी - 6-35 – नयी शराव । पिटठखउरा 6-50 - रद्दी और सडी शराव । मइमोहिणी (मति मोहिनी) तथा मई 6-113 - अच्छी और तेज नशा करने वाली मादक सुरा । सविस 8-4 - सुरा।
मदिरा-पात्र-मदिरा वाटने वाले अनेको पात्रो से सम्बन्विन शब्दो का सकलन इस ओर सकेत करता है कि इन शब्दो से समाज मे, 'सुरापान' का विशेष प्रचलन था । इस कोश में उल्लिखित मदिरापात्र इस प्रकार हैं--
आबरेडया 1-71, उवएइमा 1-118, परिणमा 6-3 ये तीन शब्द सुरा वाटने के बर्तन के अर्थ मे प्रयुक्त हुए हैं। टोक्करण 4-4, पारक 6-41 तथा पारय 6-38 सुरा नापने के वर्तन बताये गये हैं । खड 2-78 तया वारो 7-54 सुरापान करने के पात्र के रूप में उल्लिखित हैं।
सुरापान से सम्बन्धित इन शब्दो के आधार पर एक ऐसे समाज का चित्र उपस्थित होता है, जहा के लोग सामाजिक सभ्यता से कोमो दूर रहकर आदिमवासियो का सा असभ्यतापूर्ण जीवन बिताते रहे होंगे। 'देशीनाममाला' का शाब्दिक वातावरण सम्पूर्ण रूप से ऐसे ही समाज का चित्र भी उपस्थिन करता है, जिसका निवामी अत्यन्त कामुक, लम्पट, जुपारी तथा प्रावरण भ्रष्ट रहा होगा। जब तक इन शब्दो की ऐतिहासिकता का पता नहीं चलता कुछ भी निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता। परिणाम के रूप मे इतनी ही सम्भावना की जा सकती है कि आज की ही भाति प्रत्येक युग मे एक ऐसा वर्ग रहा है जो सामाजिक सभ्यता से कोसो दूर रहकर गन्दा जीवन विताने मे ही आनन्द प्राप्त कर रहा है। ये शब्द किसी सम्पूर्ण समाज का न सही उसके एक अश निम्नवर्गीय समान का चित्र उपस्थित करने मे तो समर्थ है ही।
1. महुए की शराव का व्यापार करने वाले आज भी 'कलार' या 'कलवार' कहे जाते है। इस
नवीन जातीय नाम का विकास सम्भवत 'कल्ला'- महुए को शराव का व्यापार करने के कारण ही हुना होगा । यह जाति नाजकल भी कहीं कही अपने व्यापार को प्रारम्भ किये हुए हैं। हिन्दु जाति व्यवस्था के अन्तर्गत इसे अस्पृश्य जाति माना गया है। 'तहरी' शब्द अवधि मे देर तक आग पर चढाये रहने वाले वर्तन के लिए माता है। इसका प्रयोग व्यंजना से देर तक पकने वाले और गन्दे भोजन के अर्थ मे होता है। शराब बनाने की प्रक्रिया भी काफी लम्बी होती है। इनके वर्तनो को दो दो तीन-तीन दिन तक बाग पर चढाये रखा जाता है।