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अध्याय ]
बीसवीं सदी के महापुरुष
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प्राचार्यश्री के साथ सैकड़ों साधु और साध्वी जन-सेवा में अपना जीवन बलिदान कर रहे हैं। इन तेरापंथी जनी साधुषों जैसा त्याग, तप और मेवा हमारे देश और मानव समाज के लिए बड़े गौरव की बात है। प्राचार्यश्री के शिष्य और वे लोग भी जो पापके सम्पर्क में प्रा चके हैं, अपने आचार-विचार से मनुष्य जाति की अनमोल सेवा कर रहे है।
प्राचार्यश्री ने हर जाति के और धर्म के लोगों को ऐसा प्रभावित किया है कि आपके आदर्श कभी भुलाये नहीं जा सकते और वे सदा ही मनुष्य जाति को जीवन ज्योति दिखाते रहेंगे।
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