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महावीर व बुद्ध के सन्देश प्रतिध्वनित
श्री करणसिंहजी, सदस्य लोकसभा महाराजा, बीकानेर
अणुव्रत-आन्दोलन कोई राजनीतिक यज्ञ नहीं है । यह तो मानव मात्र की श्राध्यात्मिक उन्नति का प्रयास है। इसका उद्देश्य है कि जीवन पवित्र बने । दैनिक जीवन में सच्चाई व प्रामाणिकता श्राये। थोड़े में कहा जाये तो अणुव्रत प्रान्दोलन चरित्र का प्रान्दोलन है। यह किसी सम्प्रदाय, जाति, धर्म व व्यक्ति विशेष का
न होकर सबका है। इसमें किसा अधिकार अथवा पद की व्यवस्था नहीं है।
आज के युग में जब हम अपने चारों ओर देखते हैं तो बड़े दुःख के साथ अनुभव करते हैं कि देश में सर्वत्र भ्रष्टाचार, जातिवाद, क्षेत्रवाद प्रादि अनेक विषैले कीटाणु हमारे समाज को नष्ट करने में व्यस्त हैं। ऐसी दशा में उसका उद्धार केवल अणुव्रत जैसे प्रान्दोलनों द्वारा ही हो सकता है ।
इसके साथ-ही-साथ प्रत्येक आन्दोलन के संचालन में उसके प्रमुख कार्यकर्ताओं में उस प्रान्दोलन की मर्यादानुसार कार्य करने की क्षमता का होना भी उतना ही आवश्यक है जितना कि उसका उद्देश्य। यह कितनी प्रसन्नता की बात है कि प्रणव्रतआन्दोलन को प्राचार्यश्री तुलसी का आशीर्वाद प्राप्त है ।
आज से लगभग २५०० वर्ष पूर्व देश के पूर्वी अंचल से भगवान् श्री महावीर और गौतम बुद्ध के प्राध्यात्मिक सन्देश समय भारतवर्ष में गूंजे थे। भगवान् श्री महावीर का सन्देश पच अणुव्रत के रूप में था और गौतम बुद्ध का सन्देश पंचशील के रूप में धावावंश्री तुलसी का प्रणव सन्देश पश्चिम से पूर्व की ओर प्रतिध्वनित हुआ है। यह इस अंचल का सौभाग्य है। उनके धवल समारोह के अवसर पर उनके कार्यों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना प्रत्येक विचारशील अपना कर्तव्य समझता है ।
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विकास के साथ धार्मिक भावना
श्री दीपनारायणसिंह
सिचाई मंत्री, बिहार सरकार
आचार्य श्री तुलसी के दर्शन प्रथम बार कई साल पहले मुझे जयपुर में हुए । तब से अनेकों बार उनके दर्शन का अवसर मुझे मिला है। जन-समाज के नैनिक बल को बढ़ाने के लिए उनका प्रवचन असरदार होता है। बराबर पैदल यात्रा कर समाज के कल्याण के लिए वे रास्ता बनाते हैं। उनका सरल जीवन तथा सुन्दर स्वास्थ्य बहुत ही प्रभावशाली है।
भारतवर्ष प्राज स्वतन्त्र है। विकास का काम जोरों से चल रहा है। ऐसे समय में धार्मिक भावनाओं का समुचित विकास होता रहे और समाज नैतिकता के रास्ते पर चले, इसकी बड़ी आवश्यकता है। ऐसे कार्यों के लिए प्राचार्यथी तुलमी जैसे मार्ग दर्शक की श्रावश्यकता है। मेरी शुभ कामना है कि प्राचार्यश्री तुलसी स्वस्थ रहकर सदा समाज का मार्गदर्शन कराते रहें।