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जो निस्पृह है और लौकिक लाभ को तुच्छ समझता है, वह ऐसा नहीं करेगा ! आवश्यकता होने पर डाक्टर कडुवी दवा पिलाने में संकोच नहीं करता। भले ही रोगी को वह अप्रिय लगे तथापि उसका हित उसी में है।
- भद्रबाहु स्वाभी के विषय में यही घटित हुआ । वे सब को राजी नहीं। रख सके । उन्होंने हित की बात को ही प्रधानता दी । अन्य लोगों ने भी उनके निर्णय को स्वीकार किया । स्थूलभद्र चौदह पूर्वो के ज्ञाता हो गए । भद्रबाहु । स्वामी मे स्थूलभद्र को चौदह पूर्वो के ज्ञाता के रूप में उत्पन्न किया । व्यावहा-. रिक दृष्टि से वे वृहत्कल्प के रचयिता कहे जाते हैं। व्यवहार सूत्र तथा दशाश्रुतस्कंध की रचना भी उन्होंने की।
- इतिहास अतीत के गहन अंधकार में प्रकाश की किरणें फेंकने का . .. प्रयास करता है। इतिहास के विषय में दुराग्रह को कतई स्थान नहीं होना ...
चाहिए। प्राज़ जो सामग्री किसी विषय में उपलब्ध है, उसके आधार पर एक . निष्कर्ष निकाला जाता है । कालान्तर में अन्य पुष्ट प्रमाण मिलने पर वह .
निष्कर्ष बदल भी सकता है। विभिन्न ग्रंथों में मिलने वाले उल्लेख, स्वतंत्र . ... कृतियाँ, प्रशस्तियाँ, शिलालेख, सिक्के आदि के आधार पर इतिहास की खोज
की जाती है । इसके लिए बड़े पुरुषार्थ की आवश्यकता है। जैन परम्पराः का : इतिहास साहित्य एवं कला आदि सभी क्षेत्रो में महत्त्वपूर्ण है पर जन समाज ने उस ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है। :
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..धर्मदासजी महाराज का जन्म अठारहवीं शताब्दी में मध्यप्रदेश में हुआ
किन्तु दुर्भाग्यवश उनकी कृतियां उपलब्ध नहीं हैं। उनके जन्मकाल. का तथा ...माता-पिता का निर्विवाद उल्लेख भी नहीं मिलता। उनकी कृतियाँ कहां दबी . ___ पड़ी हैं, कहा नहीं जा सकता। जिनके पास हस्तलिखित ऐतिहासिक सामग्री है। - उन्हें चाहिए कि वे उसे प्रकाश में लावें और अन्वेक्षण कार्य को आगे बढ़ाने में
सहायक वन । ......... ....... ........ ......