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१४४] - वार लुटा है, मगर एक बार ठगा कर जौ फिर धोखा नहीं खाता वही समझदार व्यक्ति है । भगवान् कहते हैं-संसार रूप वन में काम क्रोध आदि लुरेरै तेरे मूल्यवान् धन-दर्शन चारित्र को न लूट लें, सचेत रहना । इस रत्न कम्बल को संभाल कर रखना ताकि संसार से पार पहुँच सको। ऐसा करने से ही उभय लोक में कल्याण होगा।