________________
( २२ ) रंलीय रंग सुवीवाह कीघउ दायजउ झाझउ दीघउ । संतोखी नइ सहु सप्रेड्या जनक घरउ जस लीघउ ।। पुत्र सह परिवार सु दसरथ नगर अयोध्या पहुंतउ ।। सातमी ढाल कहइ अति मोटी समयसु दर गहगहतउ ॥२१॥ पहिलउ खड थयउ ए पूरउ सात ढाल सुसुवाद। जुगप्रधान जिणचद प्रथम शिष्य सकलचंद सुप्रसाद ।। गछ नायक जिनराज सूरीसर भट्टारक वडभाग। समयसुदर कहइ सील पालतां वाधइ जस सोभाग ॥२२॥
[ सर्वगाथा १४६ }
इति श्री सीतारामप्रबंधे सीतावीवाह सीतारूपवर्णनो नाम प्रथम खडः ॥१॥