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( ४१ ) पण्डित शोभाचन्दजी भारिल्ल से करवा ली जो उस समय वीकानेर के सेठिया विद्यालय में काम करते थे। कविवर की • जीवनी और अन्य रचनाओं की यथासम्भव खोज करके 'राजस्थानी साहित्य और कविवर धर्मवद्धन' नामक एक विस्तृत लेख तैयार किया जो कलकत्ते की राजस्थानरिसर्च सोसाइटी के त्रैमासिक शोधपत्र में राजस्थान के वर्ष २ अङ्क संख्या २ के २२ पृष्ठों में सं० १९६३ के भाद्रपद के अङ्क में प्रकाशित हुआ। उस लेख में मैने लिखा था " आपके जीवनचरित्र और कृतियों की खोज लगभग ७-८ वर्षों से चालू है। जिसके फलस्वरूप बहुत सी सामग्री संगृहीत की गई है। और उसको आधार पर विस्तृत जीवनचरित्र, आपकी लघुकृतियों के साथ प्रकाशित करने का विचार है।" अपने ३०-३२ वर्ष पहले के किये हुए प्रयास को आज सफल हुआ देख कर मुझे अत्यन्त प्रसन्नता है। इस ग्रन्थ में कविवर की समस्त लघु रचनाओं को प्रकाशित किया जा रहा है। पाच बडी रचताएं वो इस ग्रन्थ के बडे हो जाने के कारण इसमें सम्मिलित नहीं की जा सकी, उनका विवरण ऊपर दिया जा चका है। कवि का चित्र तो नहीं प्राप्त हो सका अतः उनके हस्ताक्षरो की एव स्मारक स्तूप छत्री प्रतिकृति देकर सन्तोप करना पड़ता है।