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शास्त्रीय विचार स्तवन संग्रह
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विसाल भाल सुविसाल अद्धचंद छज्जियं, रउह थी रिसाइ जाणि एथि आइ रजियं, सुनैण कंज गंध काज भौंहि भौर रायकं प्र० ७ कपूर पूर कस्सतूर कुंकुमा सुरग ए, अरग्गजा अथग्ग में रहै गरक अग ए, अछेह दुत्ति गेह देह सव्ववही सुहायक, प्र०८ मृदंग दौंदौं दौं दप्प मप्प बज्ज ए, नफेरि भेर झलरी निसाण मेघ गज ए, तटक्क तान थेड थेइ लक्ख सुक्ख दायकं, प्र०६
प्रष्ट भय नाम दोहा करि केहरि दव ऋद्ध अहि, राडि समुहह रोग । अति बंधण भय'अठ टलै, सामि नाम सयोग ।१०।
छद भुजगी छहुं रित्तु छाक्यौ झुकतो झकोला, लपक्के विलग्गी अली मालि लोला, वलेटें वलाका वली सुडि दौला, झरै निजरा जेम मर्दै कपोला, ११ पट्ट चालतो जाणि पाहाड़ तोला, झलक्क डलक्कावतो लाल डोला, इसौ दूठ पूठे पडता अकोला, जपता करें नाचि नी मात चोला, १२