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________________ पृष्ठ अध्ययन पद्य अशुद्ध शुद्ध 164 29 59, 61 अनुपेक्षा, ता अनुप्रेक्षा, तो 166 29 85 किचित् किंचित् 167 29 96 हलके मन को, हलकेपन को 100 अपुनरावत्तिकर अपुनरावृत्ति प्राप्त कर 102 क्या फल क्या फल है ____170 29_145 अघ को धुनता अध धुनता ___171 29 153 अन्तमुहूर्त मितमे रह, अन्तमुहूर्त रह 29 155 नाम का ध्यान नाम का शुक्ल ध्यान 173 30 22 मुझ का मुझको 174 30 32 गुरुजनो को गुरुजन को 176 31 13 अध्ययन अध्ययनों 178 32 17 नारी दुस्तर नारी सम दुस्तर 179 32 31 झट झूठ 32 33 द्वप रत । द्ववरत - 32 51 क्षण पाता क्षण वह पाता 183 32 88 बनता द्वेष बनता फिर टूप 184 32 102 वेद विविध वेद यो विविध 187 34 9 कुद कुसुम कुन्द कुसुम सम 188 34 17 केगरी केशर 192 35 12 प्रसरणील प्रसरणशील 198 36 65 और बहुत और वहुत्व 201 36 ... लोक व्याप्त लोक में व्याप्त 205 36 164 घमामा धूमाभा 207 365 192 अन्तमुहतं सत्कृष्ट खेचर, अन्तमुहूर्त है उत्कृष्ट खचर 210 36 222 सुरी को सुरो को 36 229 देवों को देवो को . 21136 238 प्रवेयक वयक 36 243 इयतीम एकतीम 21236 258 जो मरते जीव जो मरते हैं जीव 180
SR No.010686
Book TitleDashvaikalika Uttaradhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1976
Total Pages237
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, agam_dashvaikalik, & agam_uttaradhyayan
File Size8 MB
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