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७८१ ]
[७७८ ] वपु रि धीरिम कट रि सरलत
अरि उवस हुं हुं वयणवलिज्जिहुँ संजमह इय पुणु पुणरवि सुर-सहहं सणतुकुमार- महारिसिहिं
सणतुकुमारचरि
[७७९]
राय - रिसि वि हु निय गहीरत
मण-निरोहु निउँछणउं खंतिहिं । तवह तह य तसु ह-कंतिहि || दु-वि ति तियस जपंत । चिट्ठहिं गुण गायंत ॥
सयल - रोग निरु सम्म- करणिण ।
भणिय - विहिण भावइ य हियइण ||
अवदत्थिय-दुहि
अहियासह जिणवरिण तु खलिज्जइ जलनिहि वि लहरि - भिन्न- कुलसेल | न उ पुव्वज्जिय- असुह- निय-कम्म-विवाह मेलु ॥
[ ७८० ]
जिय अयाय विहिउ सयमेव
त पच्छिम जम्मि हु तिण ढुक्कर्हि एउ तुड़ नासंतिर्हि विन छुट्टिय ता वलिज्जिहुँ हउं रिउहुं
तसु पाव-महद्दुमह नहि लब्भंत स-कय- फलि सह-धाविर निय छाय नहि
पावु कम्म-प-भारु गरुयउ । दुसह दुक्ख दंदोलि बहुयउ || निय-दुक्कय-कम्माई | समइ समुहु पत्ताहं ॥
[७८१]
इय पमाइण राग-दोसेहिं मिच्छत्तिण अविरsहिं
fafer जमिह य-मोह-यत्थिण | फलई लेसु जिय तुहुं स-हरियण ॥ पुरिस परम्मुह हुंति । के वि हु छ डिवि जंति ॥
७७८. ५. क. कंतिहि.
७८०. २. क. ख. जंमि. ३. पाव. ४ टुक्कइ. ७८१.५. क. सुहुँ; ख. हु. तु
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