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तपेश्कत् ।। ८८१॥ तृकृकृषि-कीट ॥ १५ ॥ तृकप-रणः ।। २८७ ॥ तृखडिभ्यांडूः ॥ ८४५ ॥ तृजिभूवदि-भ्यः ।। २२१ ॥ तृभ्या दुः॥ ८४६॥ तृपलिमलेरक्षुः ॥ ८२७ ॥ तृभ्रम्ययापि-श्च ।। ६११ ॥ तृस्तृतन्द्रितन्त्र्य-ईः ।। ७११॥ तोः किक् ॥ ८६९ ॥ वः कादिः ॥ ४०६ ।। ट् ॥ ४४६ ॥
पेरुसः ॥ ५७८ ॥ त्वष्टक्षत्नदुहित्रादयः ॥ ८६५ ॥
दोलुंक्च ।। ७५९ ॥ दमोदुण्ड् च ।। ३३५ ॥ दम्यमिताम-स्तः ॥ २०॥ दलिबलि-पः ॥ ३०४ ।। दले रीपो दिल्च ॥ ३१ ॥ दस्त्यूहः ॥ ५९४ ॥ दामाभ्यांनुः ॥ ७८६॥ दाभूक्षण्युन्दि-रनुङ् ॥ ७९३ ॥ दिननग्नफेन-यः॥ २६८ ॥ दिव ऋः ॥ ८५२॥ दिवादिभि-कित् ॥ ५७२ ॥ दिविपुरिवृषि-कित् ॥ ५९९ ॥ दिवेडिन् ॥ ९४९ ॥ दिवेधौंच ॥ ४४८॥ दिव्यविश्रुकु-ऽटः ॥ १४२ ॥ दुः स्वपवनिभ्यः स्थः ॥ ७३२ ॥ दुकूलकुकूल-दयः ॥ ४९१ ॥
दुरोद्रः-दुर्च ॥ २५६ ॥ | दुर्डित् ॥ ९९९॥
दृपृभृम-ऽतः ॥ २०७॥ दृभिचपेःस्वरा-श्च ॥ ८४१॥ दृमुषिकृषि-कित् ॥ ६५१॥ दुकनृसृभृ-ऽकः॥२७॥ दृपवभ्यो विः ॥ ७०४॥ देङः ॥ ६६८॥ दो डिमः ॥ ३५५ ॥ युगमिभ्यां डोः ॥ ८६७ ॥ युतरादेश्वजः ॥ ९९१॥ बुद्रुभ्याम् ॥ ७४४॥ युसुनिभ्योमाङोडित् ॥६६॥ द्रमोणिवा ॥ ९५॥ द्रागादयः ॥ ८७० ॥ द्रुहियहिमाह-कतः ॥ ८८४ ॥ दूहयहि-इणः ॥ १९४ ॥ द्रोवी ॥ १८४ ॥ द्रोहस्वश्च ।। ८९८ ॥ द्वारशृङ्गार-दयः ॥ ११ ॥
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दधिपाय्यदीधीपाय्यौ ॥ ३७४ ॥ दोरुनमूनसौ ॥ ९८७ ॥ दणिद्वादश्चडः ॥ ४०२॥ दमेर्दुभिर्दुम्च ।। ६८६॥