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________________ व्याख्यान-अर्थात् दूसरे के रहस्य वा गुप्त बात को प्रकट करदेना / 3 पिशुनता-अर्थात् चुगली खाना वा दूसरे की पीठ पीछे उस की बुराई करना / 4 कूटलेख-अर्थात् झूठी बाते लिखना वा किसी के झूठे हस्तलेख बनाना इत्यादि / सच बोलने से बहुत से लाभ प्राप्त होते है और झूठ बोलने से अनेक प्रकार के लड़ाई झगडे, विरोध, अनादर, व्यवहार मे हानि और लोकनिन्दा उत्पन्न होती है और परलोक मे नरकगति और अनेक प्रकार के दुःख अर्थात् दरिद्रता और सब प्रकार के रोग भोगने पडते है / सत्यवचन संसार में कर सकल कल्याण / मुनि पालैं पूरन इसे, पावें मोक्ष निदान / / अब अस्तेय महाव्रत का वर्णन किया जाता है / भवसागर को पार करने और मोक्ष मार्ग को प्राप्त करने के लिए धीमान् पुरुष निःसन्देह बिना दी हुई वस्तु को कदापि मन वचन वा कायद्वारा ग्रहण करने की इच्छा नहीं करता, यही अस्तेयव्रत है। स्थूललक्षण-१ रखा हुआ धन अर्थात् कही भूमि मे गड़ा देन में वा गिनती में भूल गया हो ऐसा धन 4 धरोहर रखा हुआ धन पात्र वस्त्रादिक चाहे थोड़ा हो चाहे बहुत, उसे आप हरलेना वा दूसरे को दे देना स्थूल चौरी है। चोरीके अतीचार 1 चौरप्रयोग चोरीका उपाय बताना
SR No.010656
Book TitleAnitya Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherJain Granth Ratnakar Karyalay
Publication Year1914
Total Pages155
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Religion
File Size5 MB
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