SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 15
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( ११ ) ब व स. मेन्द vaem mam asman mid mat प्रथमा aham ____azein vayam द्वितीया ferite mam mám mam asman ahma ahma (accented ) द्वितीयाna (unaccented) ष० चतुर्थी me me (unaccented) प० mabyam maihya asmakam ahmakam (accented) पञ्चमी mat __दीर्घकाल तक एकत्र रहने के बाद जब ये प्रजाए भिन्न हुई तब उनकी भाषा और साहित्य की विकास धारा अलग-अलग हो गई। ईरान मे इनके साहित्य के दो विभाग हो सकते है। १-प्राचीन फारसी यह लिखित स्वरूप में प्राचीनतम शिलालेखो मे सम्राट दारिउस के काल मे ई०पू० ५२२ ४८६ मे मिलती है । हिटाइट के कुछ नमूनो को छोड़फर इन्डोयुरोपियन का यह प्राचीनतम लिखित साहित्य है। २-अवेस्ता भरथुस्त्र के उपदेश का साहित्य इस भापा मे सगृहीत किया गया है। किन्तु, इस साहित्य की सकलना देर से होती है सासानी काल मे ई० छठी शताब्दी मे । इसका प्राचीनतम विभाग गाथा । यह, ऋग्वेद से अधिक रहस्यवादी ( mystical, philosophical ) साहित्य है, किन्तु भाषादृष्टि से दोनो मे साम्य अधिक है। __ भारत मे आये हुए आर्यो का प्राचीनतम साहित्य वेद है। भिन्न होने के बाद भी भारतीय आर्य और ईरानियन आर्य के भाषाइतिहास मे ठीक-ठीक साम्य रहा है। जैसी विकास रेखा प्राचीन फारसी और मध्यकालीन फारसी मे है वैमी ही वैदिक संस्कृत और पालि प्राकृतो मे है।
SR No.010646
Book TitlePrakrit Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrabodh Bechardas Pandit
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1954
Total Pages62
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy